कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) सक्रिय हो गया है। इस मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी के सहयोगी रहे शांति प्रसाद सिन्हा और अशोक साहा को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। दोनों ही कथित भ्रष्टाचार के लिए अतिरिक्त तौर पर गैरकानूनी तरीके से पद सृजित करने वाले सलाहकार समिति के सदस्य रहे हैं।
बुधवार को अपराह्न को सीबीआई ने शांति प्रसाद सिन्हा और साहा से पूछताछ के दौरान बयानों में विसंगतियां मिलने के बाद दोनों को गिरफ्तार किया है। गुरुवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई के सूत्रों ने बताया है कि दोनों ही पूछताछ के दौरान जांच अधिकारियों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इनके सारे बयानों को रिकॉर्ड किया गया है। हाई कोर्ट की ओर से गठित बाग कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि राज्य में पद नहीं होने के बावजूद वर्ष 2012 के बाद तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के कहने पर गैरकानूनी शिक्षक नियुक्ति समिति का गठन किया गया जिसके सलाहकार सदस्यों ने गैरकानूनी तरीके से अतिरिक्त पद सृजित किए और करोड़ों रुपये घूस के तौर पर लेकर गैरकानूनी तरीके से लोगों की नियुक्ति की है। शांति प्रसाद सिन्हा और साहा दोनों ही सलाहकार समिति के सदस्य थे।