डैमेज कंट्रोल की कवायद में तृणमूल, पार्टी संगठन में स्वच्छ छवि वाले नेताओं को तरजीह

कोलकाता : एसएससी भ्रष्टाचार और गौ तस्करी मामलों में दो बडे नेताओं की गिरफ्तारी से तृणमूल अपनी छवि को लेकर काफी दबाव में है। तृणमूल कांग्रेस पंचायत चुनाव को लेकर आम लोगों के बीच पारदर्शी छवि बनाने में सक्रिय है इसलिए पंचायत चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने उत्तरी तीन जिलों में प्रखंड संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। तृणमूल ने दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार के प्रखंड अध्यक्षों की सूची जारी की। जहां देखने में आ रहा है कि तृणमूल में युवा, महिला और श्रम संगठन के अध्यक्ष पद पर कई नए चेहरों को लाया गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बदलाव पारदर्शी छवि पर जोर देने के लिए किया गया है। तृणमूल के सूत्रों के मुताबिक मुहम्मद अख्तर अली को दार्जिलिंग जिले के फांसिदेवा प्रखंड नंबर एक का तृणमूल अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने सिलीगुड़ी अनुमंडल चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। बाद में वह तृणमूल कांग्रेस में लौट आए। अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में पुनर्गठन के अलावा रामभोजन महतो और मानिक दे को सिलीगुड़ी एक और दो प्रखंडों का अध्यक्ष बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद तृणमूल अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने विभिन्न जिलों के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें नामों की सूची भेजी। इसके बाद यह बदलाव किया गया है। अगले साल पंचायत चुनाव है इसलिए अभिषेक बनर्जी पार्टी की स्वच्छ छवि को वापस लाने के लिए विभिन्न जिलों के नेताओं के साथ बैठकें कर रहे हैं।

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