कोलकाता : दस्तावेजों के चोरी होने की आशंका से स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के डाटा रूम की सुरक्षा के लिए मई से केंद्रीय बलों को तैनात किया गया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार को डाटा रूम खोलने की अनुमति दे दी। न्यायाधीश अभिजीत गांगुली ने अपने आदेश में कहा कि सीबीआई के अधिकारी डेटा रूम एसएससी चेयरमैन को सौंपेंगे। आदेश के अनुसार न्यायमूर्ति गांगुली ने यह भी कहा कि साल्टलेक में एसएससी भवन में डाटा रूम की सुरक्षा से केंद्रीय बलों को हटाया जाएगा।
सीबीआई ने इस साल 18 मई को एसएससी ”भ्रष्टाचार” मामले में पहली बार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से पूछताछ की थी। इसके बाद एसएससी ”भ्रष्टाचार” के खिलाफ याचिकाकर्ताओं को डर था कि एएससी भवन के डेटा रूम से जानकारी चोरी हो सकती है। इसलिए वादियों ने 18 मई की रात कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मांग की कि ऑफिस डेटा रूम को अभी ”सील” किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति गांगुली ने उस रात सुनवाई शुरू की। उन्होंने आदेश दिया कि केंद्रीय बल एसएससी भवन को अपने सुरक्षा घेरे में लेंगे।
कोर्ट के आदेश के मुताबिक आधी रात को केंद्रीय बल साल्टलेक स्थित आचार्य सदन पहुंचे। आरोप है कि पहले उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। आधे घंटे के इंतजार के बाद वे गेट के अंदर पहुंचे। बाद में, एसएससी ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि वे आचार्य सदन के आसपास केंद्रीय बलों के कारण सामान्य रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं। तब न्यायाधीश गांगुली ने आदेश दिया कि सिर्फ डाटा रूम को केंद्रीय बलों के घेरे में रखा जाएगा। सीबीआई अधिकारी के अलावा कोई भी वहां प्रवेश नहीं कर सकता है। शुक्रवार को न्यायाधीश ने उसी डाटा रूम को एसएससी के चेयरमैन को सौंपने का आदेश दिया।