ममता बनर्जी का ऐलान- केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ बंगाल विधानसभा में पारित होगा प्रस्ताव

केन्द्रीय जांच एजेंसियों से डरा धमकाकर विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश : ममता बनर्जी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में सीबीआई और ईडी की लगातार छापेमारी और धरपकड़ अभियान के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की घोषणा की है।

मुख्यमंत्री यहां सोमवार को नेताजी इनडोर स्टेडियम में राज्य सरकार के शिक्षा एवं तकनीकी प्रशिक्षण विभाग के एक कार्यक्रम में संबोधित कर रही थीं। यह कार्यक्रम में शिक्षा एवं कौशल विकास प्रशिक्षण में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केन्द्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूरे देश में एजेंसी राज चल रहा है। विपक्ष को डरा धमका कर उनकी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है। इसका विरोध जताने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार राज्य विधानसभा में केंद्रीय एजेंसियों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी।

ममता ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार रेलवे को बेच रही है, स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (सेल) को भी बेचा जा रहा है। कोयला बेचा जा रहा है। सभी सरकारी उद्यमों को अपने पसंदीदा उद्योगपतियों को दिया जा रहा है, लोगों का भविष्य खतरे में है।

राज्य में औद्योगिक विकास का दावा

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल कृषि के मामले में पूरे देश में शीर्ष पर है। कृषि के साथ अब राज्य का औद्योगिक विकास राज्य सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पश्चिम बंगाल में 40 हजार करोड़ का कारोबार होता है। इसका लाभ सभी गरीब लोगों को मिलता है। जूट के काम से लेकर ढाक बजाने वालों तक को दुर्गा पूजा के दौरान पूरे राज्य में रोजगार मिलता है। उन्होंने कहा कि बंगाल में 90 लाख लघु कुटीर उद्योग इकाइयां हैं जिनमें एक करोड़ 36 लाख लोग काम करते हैं। इसके अलावा चमड़ा उद्योग में पांच लाख लोग काम कर रहे हैं। बंगाल के इस विकास को बाधित करने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है।

एशिया के दूसरे सबसे बड़े कोयला खदान बीरभूम के देवचा पचामी में जल्द खनन शुरू होने का जिक्र करते हुए ममता ने कहा कि वहां कम से कम एक लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य में 200 से अधिक औद्योगिक पार्क तैयार हो रहे हैं, जिसके लिए बच्चों का कौशल विकास प्रशिक्षण होना जरूरी है। उन्होंने दावा किया कि पश्चिम बंगाल में 2800 आईटी कंपनियां काम कर रही हैं। सिलिकॉन वैली बनाया जा रहा है, जहां लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। डानकुनी में बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि देवचा पचामी में बर्दवान, मुर्शिदाबाद और बांकुड़ा के लोगों को तो लाभ मिलेगा ही साथ ही डानकुनी कॉरिडोर में भी हजारों लोग रोजगार हासिल करेंगे। रघुनाथपुर में बन रही 72 हजार करोड़ की परियोजना का भी जिक्र उन्होंने किया और कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि बंगाल के लोगों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़े।

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