कोलकाता : स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए शिक्षकों की नियुक्ति में हुई भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी सरकारी गवाह बनना चाहती है। दोनों को गिरफ्तार करने वाली केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह जानकारी दी है। जांच एजेंसी की ओर से अलीपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में दी गई चार्जशीट में यह जानकारी दी गई है।
पूछताछ के दौरान अर्पिता ने ईडी अधिकारियों से सरकारी गवाह बनने की गुहार लगाई है। माना जा रहा है कि इससे पार्थ की तो मुश्किलें और बढ़ेंगी, साथ में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के अन्य बड़े नेता भी मुश्किल में फंस सकते हैं।
दरअसल अर्पिता के फ्लैट से 50 करोड़ रुपये नगद, 4.5 करोड़ के गहने और सात से अधिक देशों की विदेशी मुद्रा बरामद हो चुकी है। अर्पिता ने पूछताछ में बताया है कि इन सभी नगदी आभूषण और विदेशी मुद्रा के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। जब पार्थ चटर्जी और उनके लोग रुपये लेकर आते थे तो उस कमरे में उसे जाने की अनुमति भी नहीं रहती थी। रुपये रखने के बाद उसमें ताला बंद कर दिया जाता था और उसकी चाबी भी कथित तौर पर अर्पिता के पास नहीं रहती थी। कौन-कौन लोग आते थे, पैसे किसके हैं इसका भ्रष्टाचार से क्या संबंध है, शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार से क्या लेना देना है उन लोगों के बारे में भी अर्पिता सरकारी गवाह के तौर पर बयान देने के लिए तैयार हुई है। इससे एक तरफ उसकी सजा कम होगी तो दूसरी तरफ भ्रष्टाचार में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी शिकंजा और मजबूत होने वाला है।