कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी की फर्जी कंपनियों में नौकरों के नाम निदेशक मंडल में शामिल किये गये थे। इऩ निदेशकों में उनके घर का रसोइया, माली सफाई कर्मचारी एवं ड्राइवर सभी शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिन नौकरों को निदेशक बनाया गया था उन्हें खुद इस बात की जानकारी नहीं थी। पार्थ की गिरफ्तारी के बाद जब पूरे मामले का खुलासा हुआ तब इन लोगों को पत्रकारों और मीडिया से पता चला कि वे विभिन्न संगठनों के निदेशक हैं। ईडी ने स्कूल भर्ती भ्रष्टाचार मामले की चार्जशीट में उनके बयानों का हवाला देते हुए यही दावा किया है। सीबीआई की विशेष अदालत में पेश चार्जशीट में कई लोगों के बयान सामने आए हैं।
चार्जशीट में कल्याण धर नाम के शख्स के बयान को ईडी ने उजागर किया है। ईडी के मुताबिक, बयान में कल्याण ने कहा है कि अर्पिता ने उन्हें वाहन का ड्राइवर नियुक्त किया था लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि अर्पिता के साथ उन्हें ”इच्छा एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड”, ”सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड” और ”सिम्बायोसिस मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड” का डायरेक्टर भी बनाया गया था। उसने निर्देशों को पढ़े बिना कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे। कल्याण ने कहा कि वह ”अपा यूटिलिटी सर्विस” के बारे में कुछ नहीं जानते जैसा कि ईडी ने चार्जशीट में दावा किया है।
ईडी ने जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें कई लोगों के नाम हैं। चार्जशीट के मुताबिक जांचकर्ताओं ने उन लोगों से बात की और उनके बयान दर्ज किये। ईडी ने चार्जशीट में यह भी दावा किया कि कई को विभिन्न कंपनियों का निदेशक बनाया गया है। कई लोगों ने कहा है कि उन्हें बिना बताए विभिन्न संगठनों का निदेशक बना दिया गया है।
एक व्यक्ति ने कहा कि वह एक रसोइया और माली का काम करता था लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह एक कंपनी के डायरेक्टर हैं। पिछले जुलाई में ईडी की जांच शुरू होने के बाद उन्हें इस मामले की जानकारी मीडिया से मिली। ईडी ने चार्जशीट में कहा कि व्यक्ति ने जांचकर्ताओं से दावा किया कि वह विभिन्न दस्तावेजों को पढ़े बिना हस्ताक्षर करता था।