कोलकाता : पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के बारे में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब तक की पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोलकाता के विशेष सीबीआई कोर्ट में जो चार्जशीट दाखिल की है उसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आई हैं।
पता चला है कि वर्ष 2011 से 2021 तक नाकतला उदयन संघ नाम की दुर्गा पूजा समिति की अध्यक्षता पार्थ चटर्जी ने की थी। उन्होंने दावा किया था कि उसी पूजा समिति के मंच पर अर्पिता से मुलाकात हुई थी लेकिन उनका यह दावा गलत पाया गया। हकीकत यह है कि तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी पहली नजर में ही अर्पिता की खूबसूरती पर मर मिटे थे।
अर्पिता कोलकाता में एक दुकान के आउटलेट पर सेल्स गर्ल के तौर पर काम करती थी। ईडी ने अपनी चार्जशीट में इस बात का जिक्र किया है कि कोलकाता में एक आउटलेट पर अमूमन सामान खरीदने के लिए पार्थ चटर्जी अपने दल बल के साथ जाते थे। वहीं अर्पिता आउटलेट सेल्स गर्ल के तौर पर काम करती थी। उसकी खूबसूरती पर फिदा होने के बाद पार्थ चटर्जी ने उसका नाम पूछा था। उसके बाद नियमित आते जाते थे। बाद में दोनों ने एक दूसरे का नंबर लिया और मुलाकात का सिलसिला चल पड़ा था। अर्पिता से अपने परिचय को सार्वजनिक रूप देने के लिए पार्थ चटर्जी ने उन्हें नाकतला उदयन संघ की पूजा के मंच पर एक अभिनेता के साथ आने को कहा था। उसी के बाद अर्पिता बांग्ला फिल्म के एक अभिनेता को साथ लेकर उस मंच पर गई थीं और दुनिया को यह लगा कि अर्पिता का परिचय इस अभिनेता ने पार्थ चटर्जी से कराया और वहीं से दोनों की मुलाकात हुई है। पूछताछ में अर्पिता ने यह भी बताया है कि न्यू बैरकपुर के एक रेस्तरां में पार्थ और अर्पिता नियमित जाते थे। वह भी तब से जब पार्थ चटर्जी की पत्नी जीवित थीं।
अब इस नए खुलासे के बाद पार्थ चटर्जी का एक और झूठ पकड़ में आया है जिसमें वह दावा करते रहे हैं कि वह अर्पिता को नहीं जानते थे और अन्य लोगों की तरह उससे दुर्गा पूजा समिति के मंच पर मिले थे।
ईडी ने अपनी चार्जशीट में यह जानकारी दी है कि अर्पिता मुखर्जी सरकारी गवाह बनने के लिए तैयार है। वह पार्थ से अपने संबंधों की पूरी जानकारी देंगी। इतना ही नहीं, उसके घर से बरामद हुए 50 करोड़ रुपये नगदी और अन्य सामानों के बारे में भी वह पूरी जानकारी दे रही है। पता चला है कि रुपये किसी और के नहीं बल्कि पार्थ चटर्जी के ही हैं जो कई कॉलेजों को मान्यता देने और गैरकानूनी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति के एवज में ली गई घूस की राशि से हासिल हुई थी। इसमें कई अन्य बड़े नेताओं के शामिल होने की भी जानकारी अर्पिता ने दी है। यह भी दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पूरे भ्रष्टाचार से अवगत थीं।