- 5 सालों के लिए लगा प्रतिबंध
नयी दिल्ली : एनआईए और ईडी द्वारा देश भर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े कई स्थानों पर छापेमारी के कुछ दिनों बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय जांच एजेंसियों द्वारा एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर चरमपंथी समूह पर प्रतिबंध लगा दिया है। गौरतलब है कि गत 22 सितंबर को देश के 15 राज्यों में की गई छापेमारी में जांच एजेंसियों को पीएफआई के आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर इसे बैन किया गया है। यह प्रतिबंध 5 सालों के लिए है और यह उसकी विभिन्न शाखाओं और उनसे संबंधित इकाइयों पर लागू होगा।
छापेमारी के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और एनआईए प्रमुख के साथ भी बैठक की थी। इसमें पीएफआई के खिलाफ जुटाए गए तथ्यों की समीक्षा कर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे।
सूत्रों के मुताबिक, पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने से पहले एमएचए ने कानूनी सलाह भी ली ताकि जब इस मामले में संबंधित पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाए, तो सरकार अपने कदम के साथ तैयार रहे। ऐसा इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार को वर्ष 2008 में सिमी पर से बैन वापस लेना पड़ा था। हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इसे फिर से बैन कर दिया गया था।