प्रशांत किशोर ने चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू की पद यात्रा

मोतिहारी : महात्मा गांधी के सत्याग्रह की भूमि भितिहरवा आश्रम से रविवार को गांधी जयंती पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने जन सुराज अभियान के साथ बिहार के 3500 किलोमीटर की पद यात्रा शुरू की जिसे वे आगामी डेढ़ साल में पूरी करेंगे।

इसके पूर्व उन्होंने भितिहरवा गांधी आश्रम स्थित भगवान शिव एवं भगवान विष्णु मंदिर में उनका दर्शन पूजन कर गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। साथ ही उनके आश्रम में जाकर अपने जन सुराज पदयात्रा का संकल्प लेते हुए उसे सफल बनाने की कामना की जिसके बाद भितिहरवा आश्रम मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी लोगों को धन्यवाद जो आपने मुझे पदयात्रा का मौका दिया। मैं कोई नेता नही हूं, मैं बिहार के सरकारी स्कूल से पढ़कर निकला बिहार का एक बेटा हूं।

पीके ने कहा, ‘मीडिया बताती है कि मैं दलों को जीताने हराने का काम करता हूं। अब वो काम छोड़ दिया हूं।अब बिहार में एक नई राजनीति व्यवस्था बनाना चाहता हूं क्योंकि पिछले तीस चालीस साल आप सब कभी लालू जी कभी नीतीश जी तो कभी भाजपा को जिताते आ रहे हैं लेकिन कुछ बदला नहीं, आज भी हर घर में पलायन है।’

प्रशांत किशोर ने कहा, ‘बिहार सबसे गरीब राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि आपकी समस्या को जानने और आपके बीच से अच्छे लोगों की तलाश करने के लिए बिहार के हर पंचायत और हर प्रखंड यानी बिहार के 3500 कि.मी. तक पैदल यात्रा करूंगा। इसकी शुरुआत आज सत्याग्रह भूमि चंपारण के गांधी के भितिहरवा आश्रम से कर रहा हूं।’

उन्होंने कहा, ‘जन सुराज यात्रा का उद्देश्य यह है कि इस माध्यम से सही सही सोच के सही लोग का चुनाव कर उनके सामूहिक प्रयास से बिहार को अगले 10 साल में भारत के अग्रणी राज्यों में शुमार किया जा सके।’ उन्होंने कहा कि न तो वे वोट मांगने आये हैं और न ही सत्ता परिवर्तन करने बल्कि इस यात्रा को व्यवस्था परिवर्तन का माध्यम बनाने आए हैं। इस यात्रा में वे लोगों की समस्याओं को सुन एक विजन डाक्यूमेंट तैयार करेंगे। यात्रा का अगला पड़ाव रविवार की रात भितिहरवा आश्रम से सटे गौनाहां मे होगा जहां से सटे लगभग 10 पंचायतों की पदयात्रा कर वे लोगों से मिलेंगे।

कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से बेहतर सामाजिक कार्य करने वाले अनेक लोग शामिल थे जिनमें खेल, राजनीति, पत्रकारिता, कृषि व चिकित्सा क्षेत्र के लोग शामिल थे।

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