कोलकाता में हिंसा पर केंद्रीय गृहमंत्री से हस्तक्षेप की मांग

कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी ने कोलकाता हिंसा पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की है। यह हिंसा अल्पसंख्यकों के पैग़म्बर मोहम्मद नबी की जयंती पर राजधानी कोलकाता के इकबालपुर थाना अंतर्गत मोमिनपुर इलाके में हुई है। यहां रविवार को तड़के शुरू हुई हिंसा देर रात तक नहीं थमी। रात 09 बजे हालात बिगड़ गए और इस हिंसा में कई लोग घायल हुए। कुछ झोपड़ीनुमा घरों में आग भी लगा दी गई।

कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने रात को कहा कि हम लोग घटनास्थल पर मौजूद हैं और हालात काबू करने की कोशिश जारी है। उधर, प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग छतों से आसपास के बहुसंख्यक समुदाय के घरों पर पेट्रोल बम फेंक रहे हैं। एक झोपड़ी में आग लग गई है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें इस्लामी झंडा लिए सैकड़ों लोग थाने के अंदर घुसकर हंगामा कर रहे हैं।

नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने ट्विटर पर केंद्रीय गृहमंत्री को टैग करते हुए लिखा है कि इकबालपुर थाना उग्रवादियों के कब्जे में है। ममता बनर्जी की पुलिस थाना छोड़कर डरकर भाग चुकी है। मुख्य सचिव और कोलकाता पुलिस के वश में नहीं है तो केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती की जानी चाहिए। गृह मंत्रालय फौरन हस्तक्षेप करे।

प्रदेश भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष का कहना है कि खिदिरपुर मोमिनपुर इलाके में हिंदुओं पर बर्बर हमलों की रिपोर्ट लगातार मिल रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, गृह मंत्रालय और प्रधानमंत्री दफ्तर के साथ राष्ट्रपति भवन को भी ट्विटर पर टैग करते हुए घोष ने कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रथिंद्र नाथ बोस ने वर्ष 1946 की द ग्रेट कलकत्ता किलिंग से इस घटना को जोड़ते हुए लिखा है कि 1946 में भी लक्ष्मी पूर्णिमा के दिन नोआखली में बर्बर दंगे हुए थे और आज एक बार फिर कोलकाता पुलिस आयुक्त, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके मेयर फिरहाद हकीम (स्थानीय विधायक) की देखरेख में लक्ष्मी पूजा के दिन हिंदुओं को निशाना बनाया जा रहा है।

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