हरिद्वार: सुहागिन महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक करवा चौथ का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व उत्तर भारत में विशेष तौर पर मनाया जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
इस बार करवा चौथ के मौके पर विशेष संयोग बन रहा है। 13 अक्टूबर करवा चौथ को रात 8.15 बजे चंद्रोदय होगा। इस दिन सिद्धि योग के साथ कृतिका और रोहिणी नक्षत्र भी विद्यमान रहेंगे, जबकि चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेगा। शास्त्रों के अनुसार इसी सिद्धि योग में भगवान शिव ने पार्वती को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान किया था।
ऐसी मान्यता है कि जो सुहागिन स्त्रियां निर्जला व्रत रखकर सोलह श्रृंगार करके माँ गौरी, गणेश, भगवान शंकर और कार्तिकेय का विधि विधान से पूजन-अर्चन करेंगी चंद्रोदय के बाद पारंपरिक रूप से छलनी में पति का रूप देखने के बाद व्रत का पारण करती हैं। इस दिन चंद्रमा का पूजन कर पति के दीर्घायु की कामना की जाती है। ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक करवा चौथ की पूजा करवा के बिना अधूरी माना जाती है।