कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार प्राथमिक शिक्षा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और तृणमूल कांग्रेस के विधायक मानिक भट्टाचार्य को लेकर ईडी कई दावे कर रहा है।
केंद्रीय एजेंसी ने एक दिन पहले ही भट्टाचार्य को कोर्ट में पेश किया और उनकी रिमांड ली। उसके बाद न्यायाधीश के समक्ष जो ईडी की ओर से पत्र दिया गया है, उसमें दावा किया गया है कि मानिक भट्टाचार्य ही वास्तव में शिक्षक की नौकरी के एवज में घूस लेने के लिए चल रहे गिरोह के सरगना में से एक थे। उनकी देखरेख में 58 हजार लोगों को गैरकानूनी तरीके से शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है। ईडी ने अपने पत्र में बताया है कि 10 सालों तक मानिक प्राथमिक शिक्षा परिषद के अध्यक्ष थे और पूरे कार्यकाल के दौरान बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया। वह न केवल सामने खड़े होकर भ्रष्टाचार करते थे, बल्कि किस तरह से किसे और कैसी नौकरी देनी है इस बारे में निर्देश भी देते थे। इसके साथ ही वह लगातार तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के संपर्क में थे और दोनों मिलकर गैरकानूनी नियुक्त से वसूली गई घूस की राशि को आपस में बंटवारा करते थे। भट्टाचार्य के मोबाइल फोन से दो संदिग्ध नाम पता चले हैं एक का नाम डीडी है और दूसरे का आरके। यह दोनों कौन हैं, इस बारे में पता लगाया जा रहा है।