कोलकाता : मेट्रो के कार्यों की वजह से बाउबाजार में शुक्रवार को कम से कम 10 घरों में नई दरारें आने पर कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि जब तक रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारी इस मामले में हस्तक्षेप कर समस्या का समाधान नहीं करेंगे, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी क्योंकि जो लोग यहां काम कर रहे हैं, वे मामले को संभाल नहीं पा रहे हैं।
शुक्रवार को उन्होंने कहा कि मैं इंजीनियर नहीं हूं, लेकिन लंबे समय तक पार्षद रहने के कारण मुझे लगता है कि जहां मशीन फंसी है, वहां पानी भर गया है। इसके कारण मिट्टी बह रही है और कीचड़ में बदल रही है। इसी के चलते इमारतों में दरारें आ रही हैं।
उल्लेखनीय है कि मेट्रो के सूत्रों के मुताबिक भूमिगत सुरंग खोदने के लिए जो बोरिंग मशीनें लाई गई थीं, वे बीच में ही फंस गईं हैं। इसके अलावा नौ मीटर का स्लैब बनाते समय इंजीनियरों को बार-बार बाधाओं का सामना करना पड़ता है। जमीन के नीचे से पानी रिसने से आसपास के घरों में दरारें पड़ रही हैं।
फिरहाद का दावा है कि अगर इसी तरह काम चलता रहा तो हर दूसरे दिन घरों में दरारें देखने को मिलेंगी। यदि पीड़ितों को अस्थायी रूप से हटा भी दिया जाए तो भी दो साल बाद फिर से वही समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसलिए वह रेलवे के शीर्ष स्तर के अधिकारियों से बात करना चाहते हैं। उन्होंने दावा किया कि यदि आवश्यक हो तो उस क्षेत्र के कुछ घरों को गिरा दिया जाए। योजना के मुताबिक, जिसके पास जितना घर का वर्ग फुट है, उसे वह भुगतान करना होगा। उनका मानना है कि ये सारे फैसले रेलवे बोर्ड को लेने चाहिए। आगे फिरहाद हकीम ने बताया कि इस मामले में वह एक बार फिर से जादवपुर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर इस समस्या का समाधान का प्रयास करेंगे।