कोलकाता, : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता समेत आसपास के जिलों में डेंगू का संक्रमण बेलगाम होता जा रहा है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने शुक्रवार को इस बात की पुष्टि की है कि पूरे राज्य में 37 हजार से अधिक लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जो चिंता वाली बात है। पिछले 24 घंटे में पूरे राज्य में चार लोगों की मौत डेंगू की वजह से हुई है जिनमें से अकेले कोलकाता में दो लोगों की मौत हुई है। राज्य में डेंगू का सर्वाधिक संक्रमण वर्ष 2019 में हुआ था लेकिन इस साल और अधिक बढ़ गया है। चिंता वाली बात यह भी है कि राज्य में छिटपुट बारिश का सिलसिला नहीं थम रहा जिसकी वजह से डेंगू संक्रमण भी नहीं रुक रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि पिछले एक सप्ताह में राज्य में कुल 6680 लोग इसकी चपेट में आए हैं। इनमें से उत्तर 24 परगना में 1627 लोग जबकि मुर्शिदाबाद में 833, हुगली में 676, कोलकाता में 596, हावड़ा में 572, दार्जिलिंग में 344 और जलपाईगुड़ी में 329 लोग चपेट में आए हैं।
कोलकाता में जलजमाव पर नहीं लग रहा लगाम
कोलकाता नगर निगम शहर में साफ-सफाई और जलजमाव को कम करने के दावे लगातार कर रहा है लेकिन महानगर के बीचों-बीच एमजी रोड में एक निर्माणाधीन इमारत के पास बड़े पैमाने पर जलजमाव पिछले कई महीनों से हैं। इसमें मच्छरों के लार्वा भी पनप रहे हैं लेकिन किसी को कोई फिक्र नहीं है। स्थानीय नगर निगम प्रतिनिधियों से लेकर निगम अधिकारियों तक को इस बात की जानकारी है। 171 नंबर एमजी रोड में लंबे समय से बिल्डिंग निर्माण का काम चल रहा है और पास ही में गड्ढा है जिसमें पानी लगातार जमा हुआ रहता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इससे डेंगू मच्छर पनपने का खतरा बरकरार है लेकिन जानकारी होने के बावजूद नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। आरोप है कि बिल्डिंग निर्माण करने वालों की सांठगांठ स्थानीय तृणमूल नेताओं से है जिसकी वजह से कार्रवाई नहीं हो रही है।