कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार बीरभूम जिले के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल को एक बार फिर जमानत नहीं मिली है। शनिवार को उन्हें एक बार फिर आसनसोल कोर्ट में पेश किया गया। उनके अधिवक्ता संजय दासगुप्ता ने न्यायालय के समक्ष उनकी जमानत की अर्जी लगाते हुए कहा कि मवेशी तस्करी मामले के मुख्य अभियुक्त इनामुल हक है, उसने बीएसएफ और कस्टम विभाग में सेटिंग कर बड़े पैमाने पर मवेशियों की तस्करी की। मेरे मुवक्किल की इसमें कोई भूमिका नहीं है। सीबीआई मूल अभियुक्तों को नहीं पकड़ पाई है और अनुब्रत मंडल के खिलाफ इसलिए जांच कर रही है क्योंकि वह सत्तारूढ़ पार्टी के जिलाध्यक्ष हैं। राजनीतिक कारणों से उन्हें परेशान किया जा रहा है। उन्हें जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है। मंडल के खिलाफ आज तक ऐसा कोई साक्ष्य पेश नहीं किया गया है जो तस्करी में उनकी संलिप्तता उजागर करे। इसीलिए उन्हें जमानत दी जानी चाहिए।
इधर सीबीआई ने उनकी जमानत का विरोध किया और कहा कि अनुब्रत मंडल प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्हें अगर जमानत मिलेगी तो साक्ष्य प्रभावित होंगे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच की गति पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि केंद्रीय एजेंसी को कोर्ट को यह बताना होगा कि आखिर वे कब तक इस मामले में किसी मुकाम पर पहुंचेंगे।
इसके साथ ही कोर्ट ने अनुब्रत मंडल की जमानत याचिका एक बार फिर खारिज कर दी और स्पष्ट कर दिया कि 11 नवंबर तक वह जेल में ही रहेंगे।