कोलकाता : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रबीर पवार ने पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि बंगाल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जो डेंगू संक्रमित लोगों अथवा इससे हुई मौतों का आंकड़ा साझा नहीं कर रहा है।
शुक्रवार को मंत्री डॉ. भारती प्रबीर पवार यहां ‘डायरिया रोगों और पोषण’ पर 16वें एशियाई सम्मेलन के मौके पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। पवार ने कहा कि, “केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के पोर्टल को पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्यों से फीडबैक मिल रहा है लेकिन बार-बार अनुरोध के बावजूद, पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में डेंगू प्रभावित लोगों की संख्या या यहां तक कि मौतों के आंकड़े पर भी कोई डाटा साझा नहीं किया है। राज्य सरकार को केंद्र सरकार के साथ डाटा साझा करना चाहिए। ”
मंत्री पवार ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार के साथ डाटा साझा करना चाहिए, जो देश में सभी राज्य सरकारों को देश में वेक्टर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए निर्देशित और मदद करने के लिए समर्पित है। उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार को एक चेतावनी भी जारी की कि पर्याप्त जानकारी और डाटा साझा नहीं करने पर केंद्र सरकार के लिए इस मामले में और मदद देना संभव नहीं होगा।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को आयुष्मान भारत योजना को लागू करना चाहिए, जिसे राज्य सरकार ने 2019 में इस आधार पर लागू करने से इनकार कर दिया कि राज्य सरकार ने 2016 में इसी तरह की स्वास्थ्य योजना स्वास्थ्य साथी शुरू की है।
इस संबंध में राज्य के संसदीय मामलों और कृषि मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि राज्य सरकार के लिए केंद्र सरकार के साथ डेंगू डाटा साझा करना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा, “यदि केंद्र सरकार डाटा चाहती है, तो हम निश्चित रूप से इसे साझा करेंगे, लेकिन राज्य सरकार के लिए यह अनिवार्य नहीं है कि वह स्वेच्छा से केंद्र सरकार के साथ डाटा साझा करे।’’
इसके विपरीत पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक एस. नियोगी ने दावा किया कि आंकड़े निश्चित तौर पर साझा किए जाते हैं, लेकिन संबंधित पोर्टल में कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण राज्य सरकार के संबंधित आंकड़े देर से अपलोड हो रहे हैं।