भ्रष्टाचार के आरोपों पर दिलीप घोष ने किया पलटवार, सरकार को दी सीआईडी जांच कराने की चुनौती

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति के सिलसिले में जांच कर रही केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने एक बिचौलिए प्रसन्न राय के घर से भाजपा नेता दिलीप घोष की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज बरामद किए हैं। इसे लेकर अब दिलीप घोष पर भी शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार में संलिप्तता के आरोप लग रहे हैं। इस पर बुधवार को न्यूटाउन इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे घोष ने कहा कि उन्होंने फ्लैट किसी के बाप के पैसे से नहीं खरीदे हैं, अगर ममता बनर्जी और उनकी पार्टी में शामिल लोगों को लगता है कि इसमें कुछ गलत है तो अपनी राज्य सीआईडी से पूरी जांच करवा लें।

दरअसल मंगलवार को ही ममता बनर्जी के भतीजे और डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने इस मामले को लेकर दिलीप घोष की गिरफ्तारी की मांग की है। इस पर घोष ने कहा कि पहले जांच पूरी हो जाए, उसके बाद गिरफ्तारी का सवाल है। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद ही प्रसन्न के घर अपनी जमीन के दस्तावेज रख दिए थे, उन्होंने बैंक से लोन लेकर फ्लैट खरीदा है। जहां उन्होंने फ्लैट खरीदा है उस हाउसिंग सोसायटी के वे प्रमुख भी हैं। इलेक्ट्रिक मीटर में नाम चेंज करने के लिए उन्होंने खुद ही प्रसन्न रॉय को दस्तावेज दिए थे। घोष ने कहा कि वे चुनौती देते हैं कि अगर दम है तो उनके खिलाफ सीआईडी जांच करवा लें, फिलहाल तृणमूल के सारे लोग सीबीआई की चाय पी रहे हैं।

इसके अलावा तृणमूल की आदिवासी विधायक वि मंत्री बीरबाहा हांसदा के खिलाफ विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दाखिल हुई याचिका के संबंध में भी दिलीप घोष ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री से लेकर राज्यपाल के खिलाफ कई बार आपत्तिजनक टिप्पणी की है। उन्होंने क्या कभी इसके लिए माफी मांगी। हकीकत यह है कि ममता अपने मंत्री अखिल गिरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर पर्दा डाल रही हैं।

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