कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में जांच के लिए सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी अखिलेश सिंह का कोलकाता आना संभव नहीं है। यह जानकारी केंद्रीय एजेंसी ने गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के एकल पीठ में दी है। एक दिन पहले बुधवार को न्यायमूर्ति गांगुली ने कहा था कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की जांच के लिए गठित सीबीआई की एसआईटी ठीक से काम नहीं कर रही है। उन्होंने दो सीबीआई अधिकारियों को एसआईटी से हटाने का आदेश दिया था और कहा था कि कोलकाता में रह चुके सीबीआई के पूर्व आईजी अखिलेश सिंह के नेतृत्व में ही नई एसआईटी गठित होगी।
सीबीआई की ओर से बताया गया था कि सिंह फिलहाल कोलकाता में नहीं हैं और उनका तबादला कहीं और हो गया है। इसके जवाब में न्यायाधीश ने कहा था कि वह जहां भी हैं उन्हें एक हफ्ते के भीतर कोलकाता भेजना होगा और उन्हीं के नेतृत्व में एसआईटी गठित होगी और जांच होगी। इसके बाद गुरुवार को सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट में बताया कि अखिलेश सिंह की पदोन्नति हुई है और वह वह दिल्ली से असम गए हैं। गत 15 नवंबर को उनके तबादले की अनुमति मिली है इसलिए शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार की जांच का वह हिस्सा नहीं बन पाएंगे।
सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट में यह भी बताया कि आईजी रैंक के एक अधिकारी एसआईटी का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि एक नहीं, उस रैंक के तीन अधिकारियों का नाम दीजिए उनमें से किसी एक का चयन अदालत करेगी। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मामले की अगली सुनवाई होगी।