कोलकाता : बाल अधिकार सप्ताह के अवसर पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न स्कूलों से 300 बच्चों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को संबोधित करते हुए एक खुले पत्र के माध्यम से अपने “साँस लेने के अधिकार” (राइट टू ब्रीद) की अपील की है।
पश्चिम बंगाल के विभिन्न आयु समूहों के स्कूली छात्रों ने स्विचऑन फाउंडेशन के साथ बाल अधिकार पर काम कर रहे गैर सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित एक खुले पत्र अभियान में भाग लिया। यह अभियान उस सर्वनाश के भविष्य पर ध्यान दिलाने के प्रयास का एक हिस्सा है, जहां बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हमारे बच्चों को सांस लेने के लिए ताजी हवा नहीं मिलती है।
कैरिटस इंडिया, उद्यमी इंडिया फाउंडेशन और बाल कल्याण संघ जैसे संगठन स्वच्छ हवा में सांस लेने के लिए बच्चों के अधिकारों पर इस अभियान का हिस्सा थे।
डॉ. कौस्तव चौधरी (बाल रोग सलाहकार, अपोलो ग्लेनीगल्स अस्पताल) जैसे विशेषज्ञों ने बच्चों के स्वच्छ हवा के अधिकार की पहल का समर्थन करते हुए राज्य में बच्चों के न्यूरोलॉजिकल और संज्ञानात्मक विकास का हवाला दिया और स्वच्छ हवा में सांस लेने के बच्चों के अधिकार की मांग भी उठाई।
बाल अधिकार और वायु प्रदूषण के मुद्दे पर काम करने वाले विभिन्न संगठनों के प्रचारक और विषय विशेषज्ञ भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
स्विचऑन फाउंडेशन के एमडी विनय जाजू ने कहा, “बच्चों की एक पूरी पीढ़ी आज संकट में है। यह हमारी भावी पीढ़ी के लिए एक साथ आने और स्वस्थ स्वच्छ हवा के उनके अधिकार को सुरक्षित करने का समय है। प्रत्येक सूक्ष्म क्रिया सामूहिक रूप से एक व्यापक प्रभाव पैदा कर सकती है।’’