कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेशानुसार सीबीआई के डीआईजी अश्विनी सिंघवी ने जांच एजेंसी द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख का प्रभार संभाल लिया है। वह सोमवार की सुबह निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर पहुंचे। चंडीगढ़ में एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख के तौर पर सेवा दे रहे सिंघवी को कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर कोलकाता आकर जांच संभालने को कहा था। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जांच अधिकारियों से इस मामले में जांच की गति के बारे में चर्चा की है।
शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में विशेष जांच दल में पहले रामबीर सिंह, सत्येंद्र सिंह, केसी रिशिनामुल, सोमनाथ विश्वास, मलय दास और इमरान आशिक शामिल थे। हाल ही में हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने केसी रिशिनामुल और इमरान का नाम इस टीम से हटा दिया था। जस्टिस ने कहा था कि एसआईटी सीबीआई के पूर्व डीआईजी अखिलेश सिंह के नेतृत्व में काम करेगी। जज ने अखिलेश को सात दिन के अंदर कोलकाता भेजने का आदेश दिया लेकिन सीबीआई ने बताया कि अखिलेश दूसरे राज्य में कार्यरत हैं इसलिए वह यहां नहीं आ सकते।
इस संदर्भ में न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने डीआईजी रैंक के तीन सक्षम अधिकारियों के नाम सीबीआई से मांगे थे। उन तीन लोगों में से एक व्यक्ति को एसआईटी के प्रमुख के रूप में चुना जाएगा। ऐसे तीन व्यक्तियों के नाम केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा प्रस्तावित किए गए थे। जज ने सिंघवी को उन तीन लोगों में एसआईटी का प्रमुख बनाने का आदेश दिया।
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चट्टोपाध्याय, तृणमूल विधायक और प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मानिक भट्टाचार्य समेत कई अन्य को भर्ती भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किया गया है। इस लिहाज से देखना होगा कि सीबीआई के नए अधिकारी के नेतृत्व में जांच किस दिशा में जाती है।