कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को विशेष सीबीआई कोर्ट ने जमानत नहीं दी है। वे अभी न्यायिक हिरासत में ही रहेंगे। पार्थ चटर्जी के साथ इस मामले में अन्य लोगों यानी कल्याणमय गांगुली, सुबिरेश भट्टाचार्य, अशोक साहा, प्रसन्न रॉय और प्रदीप सिंह के साथ एक और बिचौलियों को भी पेश किया गया था।
सोमवार को पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को अलीपुर की विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। पार्थ सहित अन्य अभियुक्तों की जमानत के लिए उनके अधिवक्ता सलीम रहमान ने अर्जी लगाई थी। कोर्ट में पार्थ के अधिवक्ता सलीम रहमान ने बताया कि केवल पूछताछ और जांच के नाम पर इन्हें लंबे समय से जेल में रखा गया है। मेरे मुवक्किल के नाम पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं है, बावजूद इसके सीबीआई उन्हें बड़ा षडयंत्रकारी बता कर जेल में रखा है। इसके जवाब में सीबीआई के अधिवक्ता ने बताया कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के लिए पार्थ चटर्जी ने अपने करीबी लोगों को उन सभी महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया, जिन्होंने भ्रष्टाचार की साजिश रची थी। यहां तक की कई लोगों को हटाया गया, तबादले किए गए और उन्हें नियुक्ति की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो अव्वल दर्जे के भ्रष्ट अधिकारी थे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने एक बार फिर पार्थ चटर्जी सहित सभी सात लोगों को जमानत नहीं दी और अगले 14 दिन तक यानी 12 दिसंबर तक जेल में रखने का आदेश दिया है।
उल्लेखनीय है कि पार्थ फिलहाल प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में बंद हैं। जुलाई महीने की 21 तारीख को उनके घर छापेमारी के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया था। उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी के कई ठिकाने से 50 करोड़ के करीब नगद बरामद हुए थे।