कोलकाता : पुरुलिया जिले की झालदा नगरपालिका में बोर्ड गठन को केंद्र कर कांग्रेस और राज्य सरकार के बीच जारी टकराव पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को विराम लगाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि नगरपालिका में किसी भी पार्टी का बोर्ड गठित नहीं होगा और ना ही राज्य सरकार प्रशासक नियुक्त करेगी बल्कि जिलाधिकारी पालिका का संचालन करेंगे। दरअसल कांग्रेस ने यहां पार्षद शीला चटर्जी को चेयरमैन नियुक्त किया था जबकि तृणमूल की ओर से जवा नाम की पार्षद को चेयरमैन नियुक्त कर दिया गया था। इसके बाद जब तृणमूल के पार्षद को पार्टी ने निलंबित कर दिया था तब राज्य सरकार इसमें प्रशासक नियुक्त करने की ओर बढ़ रही थी।
12 पार्षदों वाली इस नगरपालिका में चार पार्षद कांग्रेस के हैं। इनमें दो निर्दलीय हैं और पांच तृणमूल के पार्षद हैं जिनमें से एक को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित तृणमूल पार्षद ने कांग्रेस गुट के समर्थन की घोषणा कर दी थी और दो निर्दलीयों ने भी कांग्रेस के ही समर्थन की घोषणा की थी लेकिन राज्य सरकार यहां प्रशासक नियुक्त करने पर आमादा थी। गत शनिवार को कांग्रेस ने शीला चटर्जी को चेयरमैन नियुक्त किया था। उसके एक दिन पहले रात को राज्य सरकार ने भी प्रशासक नियुक्त कर दिया था। इसके बाद सोमवार को हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। इस पर कोर्ट ने साफ कर दिया कि नगरपालिका पर किसी भी पार्टी का कब्जा नहीं रहेगा बल्कि जिलाधिकारी एक महीने तक संचालन करेंगे। इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की थी।