कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में रोज चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली के एकल पीठ ने मंगलवार को निर्देश दिया है कि ऐसे 40 ओएमआर शीट को नाम, रोल नंबर की पूरी जानकारी के साथ प्रकाशित किए जाएं, जिनसे छेड़छाड़ की गई है।
कोर्ट ने कहा कि पता चला है कि ओएमआर शीट में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ हुई है। परीक्षार्थी ने केवल दो सवालों के जवाब दिए और उसी में उसे 50 नंबर मिल गए, क्योंकि बाद में उसकी ओएमआर शीट में जवाब भरे गए थे। उन्होंने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) को निर्देश देते हुए कहा कि ऐसी 40 ओएमआर शीट का प्रकाशन तुरंत करना होगा। उन्होंने कहा कि मंगलवार को ही इन सभी की सूची प्रकाशित कर देनी होगी। इसके बाद जिन लोगों के नाम और रोल नंबर उस सूची में होंगे, उन्हें 16 दिसंबर तक लिखित में अपना जवाब देना होगा। आवश्यकता पड़ने पर उन्हें मामले में शामिल भी किया जा सकता है।
मंगलवार न्यायमूर्ति गांगुली के एकल पीठ में सीबीआई ने ओएमआर शीट पेश की, जिसमें 10 ऐसे लोगों के बारे में जानकारी मिली, जिन्हें परीक्षा में 0 अंक मिले थे लेकिन स्कूल सेवा आयोग के सर्वर पर उन्हें 53 नंबर दिए गए थे। कई लोगों को एक या दो नंबर मिले थे, जबकि सर्वर पर उन्हें 51-52 नंबर मिले हैं। वेटिंग लिस्ट में भी ऐसे 20 लोगों की सूची मिली है, जिन्हें 9 नंबर बढ़ाकर 49 नंबर दिए गए हैं। एसएससी के खिलाफ कोर्ट में पक्ष रख रहे अधिवक्ता फिरदौस शमीम ने कहा कि हकीकत में वास्तविक ओएमआर शीट को नष्ट कर दिया गया है और फर्जी नंबर देकर गैरकानूनी तरीके से लोगों को नियुक्त किया गया है। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि किसी भूत ने ऐसा नहीं किया होगा बल्कि इसके पीछे एक बड़ा गिरोह रहा है। उनके बारे में पता लगाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले भी सीबीआई ने न्यायमूर्ति कौशिक बसु के एकल पीठ में इसी तरह का खुलासा किया था और दावा किया था कि 21 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की ओएमआर शीट की जांच में पता चला है कि कम से कम 2000 से अधिक ओएमआर से छेड़छाड़ की गई है।