कोलकाता : शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी को नया वर्ष भी जेल में ही गुजारना होगा। बुधवार को दोनों को एक बार फिर बैंकशाल कोर्ट स्थित विशेष सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया। यहां दोनों के अधिवक्ताओं ने जमानत की अर्जी नहीं लगाई थी। इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया कि दोनों को 7 जनवरी तक जेल में ही रहना होगा।
पार्थ चटर्जी ने सुनवाई से राहत की मांग की थी जिसके जवाब में ईडी के अधिवक्ता ने कहा कि पार्थ और अर्पिता दोनों मुख्य अभियुक्त हैं, उन्हें इस तरह से सुनवाई से राहत नहीं दी जा सकती है। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है। इसके जवाब में पार्थ के अधिवक्ताओं ने कोर्ट से समय मांगा जिस पर कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 31 जनवरी को होगी। इसके पहले सीबीआई ने उन्हें अलीपुर कोर्ट में पेश किया था जहां से 22 दिसंबर तक के लिए उन्हें जेल हिरासत में रखने का आदेश पहले ही दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में पार्थ और अर्पिता की गिरफ्तारी के बाद अर्पिता के ठिकाने से 49 करोड़ नगदी और पांच करोड़ से अधिक के सोने चांदी के जेवर और विदेशी मुद्रा बरामद हुए थे। इसी मामले में दोनों जेल में हैं। पार्थ चटर्जी को प्रेसिडेंसी सेंट्रल जेल में रखा गया है जबकि अर्पिता अलीपुर महिला जेल में है।