कोलकाता : पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और प्रवक्ता कुणाल घोष ने विदेश जाने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट की अनुमति मांगी है। सोमवार को इसके लिए उन्होंने आवेदन दिया है। सारदा चिटफंड मामले में कुणाल घोष की गिरफ्तारी हुई थी और लंबे समय तक जेल में रहे थे। फिलहाल वह जमानत पर हैं। न्यायालय ने उनके विदेश जाने पर रोक लगा रखी है और उनका पासपोर्ट भी फिलहाल कोर्ट में ही जमा है। इस संबंध में उन्होंने न्यायाधीश जयमाल्य बागची के एकल पीठ में याचिका लगाई है। कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई की है और इस मामले में सीबीआई को भी शामिल करते हुए कुणाल घोष को विदेश जाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर हलफनामा मांगा है। इसके लिए सात दिनों का समय दिया गया है। आगामी 10 जनवरी को मामले की अगली सुनवाई होगी।
दरअसल सारदा मामले में कुणाल को जब जमानत मिली थी तो यह शर्त लगाई गई थी कि वह बिना सीबीआई की अनुमति विदेश नहीं जा सकते। इसके लिए उन्हें या तो कोर्ट से या केंद्रीय एजेंसी से अनुमति लेनी होगी। उनका पासपोर्ट भी न्यायालय में जमा रखा गया था। कुणाल घोष के करीबी सूत्रों ने बताया है कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि केंद्रीय एजेंसी उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं देंगी, इसलिए सीधे कोर्ट में याचिका लगाई है।