कोलकाता स्थित ब्रिटिशकालीन स्मारक विक्टोरिया मेमोरियल की आधारशिला 4 जनवरी 1906 को सम्राट जॉर्ज पंचम (वेल्स के प्रिंस) ने रख थी। इससे पहले जनवरी 1901 में महारानी विक्टोरिया का निधन हो गया था और 6 फरवरी 1901 में कोलकाता के टाउन हॉल में एक सभा बुलाई गई थी जिसमें विक्टोरिया की याद में स्मारक बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। तत्कालीन राजाओं और भारत की जनता ने इस प्रस्ताव का प्रस्ताव का स्वागत किया और स्मारक निर्माण के लिए 1 करोड़ 5 लाख रुपये का चंदा एकत्रित किया गया। हालांकि इस स्मारक के निर्माण के दौरान ही 1912 में जॉर्ज पंचम ने भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित करने की घोषणा कर दी।
1906 से 1921 के बीच निर्मित यह स्मारक कई शिल्पकलाओं का सुंदर मिश्रण है। इस भवन के अंदर एक विशालकाय संग्रहालय है जिसमें 3000 से भी अधिक दुर्लभ वस्तुएं रखी गई हैं। इस स्मारक को बनने में 15 वर्ष लगे। इसे बनाने का जिम्मा मेसर्स मार्टिन एंड कंपनी, कलकत्ता को सौंपा गया था। इसके वास्तुकार विलियम इमर्सन थे जो रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स के अध्यक्ष थे। यह डिजाइन इंडो-सारसेनिक पुनर्जागरण शैली में है जिसमें ब्रिटिश व मुगल शैली का मिश्रण है। इसके निर्माण के लिए मकराना संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है। इस यादगार इमारत को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक पहुंचते हैं।