नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने बिहार के छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की घटना की एसआईटी जांच और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिलाने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाले बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि हाई कोर्ट इस मामले की सुनवाई में सक्षम है, आप वहां याचिका दाखिल कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने छपरा में जहरीली शराब से 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। याचिका आर्यव्रत महासभा फाउंडेशन ने दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील पवन प्रकाश पाठक ने कहा था कि गैरकानूनी तरीके से शराब बनाने, उसका व्यवसाय और बिक्री करने से रोकने के लिए एक राष्ट्रीय कार्ययोजना बनाने की जरूरत है।
याचिका में मांग की गई थी कि जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। इस मामले की जांच के लिए एसआईटी के गठन तथा कानून के प्रभावी इस्तेमाल की मांग की गई थी। याचिका में कहा गया था कि बिहार में 2016 से ही शराबबंदी लागू है लेकिन इसके प्रभावी तरीके से लागू नहीं होने की वजह से इस नीति की आलोचना हो रही है। बिहार की सीमा नेपाल, पश्चिम बंगाल, झारखंड और उत्तर प्रदेश से लगी हुई है। बिहार में शराब इन पड़ोसी राज्यों से आती है। इसकी वजह से झारखंड के आबकारी राजस्व में काफी इजाफा हुआ है।