सिउड़ी : तृणमूल सांसद और स्टार नेता शताब्दी राय ने बीरभूम जाकर जो किया उससे वह एक बार फिर से विवादों घिर गईं हैं। दरअसल तृणमूल ने पंचायत चुनाव से पहले जनसंपर्क बढ़ाने के लिए ”दीदी का दूत” कार्यक्रम शुरू किया है। पार्टी के नेता गांव-गांव जाकर लोगों की बात सुनेंगे। शीर्ष नेतृत्व की योजना के मुताबिक वे जमीन पर उतर आए हैं। शुक्रवार को सांसद शताब्दी रॉय अपने लोकसभा क्षेत्र बीरभूम पहुंची। बीरभूम के विष्णुपुर के तेंतुलिया स्थित तृणमूल कार्यकर्ता सुजीत सरकार के घर में सांसद के लिए खाने-पीने का इंतजाम किया गया था। न केवल शताब्दी बल्कि पार्टी के जिला स्तर के नेता भी वहां मौजूद थे।
अन्य तृणमूल नेताओं के साथ सांसद शताब्दी रॉय भी जमीन पर खाने के लिए बैठ गईं। उनके सामने विभिन्न प्रकार के भोजन भी परोसे गए, लेकिन इसके बाद उन्होंने जो किया उसे देखकर सभी दंग रह गए। भोजन के सामने बैठी शताब्दी रॉय ने पहले तो अपना चश्मा उतारा और फोटो खिंचवाया। जैसे ही फोटो खिंचवाने का कार्यक्रम पूरा हुआ शताब्दी रॉय बिना भोजन को छुए वहां से उठ गई। वह भोजन किए बिना ही वहां से क्यों उठीं, यह बात किसी को भी समझ नहीं आई। इस मामले में जब सांसद से पूछा गया तो उन्होंने टाल दिया। वहीं तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस मामले में कहा गया कि सांसद ने कार्यकर्ता के घर के अंदर जाकर भोजन किया।
भाजपा इस घटना पर सत्ता पक्ष पर कटाक्ष करने से नहीं चूकी। बीरभूम भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव साहा ने कहा उन्हें फोटो खिंचवानी थी जो उन्होंने किया। यह तो सभी जानते थे कि वह भोजन नहीं करेंगी, इसमें आश्चर्य की कोई बात नहीं है।