बंगाल में आवास योजना का काम स्थगित, ममता सरकार ने वित्तीय संकट को बताया वजह

कोलकाता : पश्चिम बंगाल में केंद्रीय आवास योजना के क्रियान्वयन को लेकर लग रहे तमाम आरोपों के बीच राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिख कर बताया है कि फिलहाल वित्तीय संकट की वजह से राज्य में आवास योजना का काम बंद है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना की धनराशि तत्काल जारी करने की मांग की गई है। राज्य सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि अगर फंड जारी करने में और देरी हुई तो राज्य 31 मार्च की समय सीमा में 11 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य पूरा करने में विफल होगा।

राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से इस संबंध में पत्र भेजकर आवास योजना के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इसी के जवाब में पत्र लिखा गया है। अधिकारी ने कहा कि राज्य द्वारा सोमवार को भेजा गया पत्र, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के 493 पन्नों के पत्र का जवाब है, जिसमें योजना के हिस्से के रूप में किए गए खर्चों का ब्योरा भी मांगा गया है।

पत्र में कहा गया है कि राज्य ने गंभीर वित्तीय संकट के बावजूद, आवास योजना के तहत 40 प्रतिशत खर्च वहन किया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि 31 मार्च तक यदि धनराशि जारी नहीं की गई तो 11.5 लाख घर बनाने का लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं होगा।

योजना के तहत केंद्र 60 प्रतिशत लागत वहन करता है और राज्य 40 प्रतिशत। अधिकारी ने दावा किया कि राज्य सरकार ने 4,800 करोड़ रुपये का वहन किया है और केंद्र सरकार ने अभी तक अपना हिस्सा 13 हजार करोड़ रुपये नहीं भेजा है। उक्त अधिकारी ने यह भी बताया कि फिलहाल पश्चिम बंगाल में आवास योजना का काम रुका हुआ है।

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