कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मिड डे मील योजना में भी कथित भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए केंद्रीय टीम जल्द ही बंगाल आने वाली है। उसके पहले राज्य सरकार ने नई निर्देशिका जारी की है। राज्य शिक्षा विभाग में इसे लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की गई है जिसके बाद सभी जिलाधिकारियों और शिक्षा अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश भेजा गया है। इसमें स्पष्ट निर्देश दे दिया गया है कि मिड डे मील में जो भोज्य पदार्थ बच्चों को दिया जाना हैं उसकी आपूर्ति सभी स्कूलों में हो जानी चाहिए और नियमित तौर पर बच्चों को मिड-डे-मील मिलना भी चाहिए। उच्चस्तरीय बैठक में इस बात पर सहमति बनी है कि केंद्रीय टीम को किसी भी तरह से राज्य के मिड डे मील योजना पर सवाल उठाने का मौका नहीं मिलना चाहिए। इसके लिए जो कुछ भी जरूरी है वह तुरंत पूरा किया जाना चाहिए।
निर्देशिका में जो कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं उनमें खासतौर पर भोजन बनाने वाले के सिर पर टोपी और हाथ में ग्लव्स होना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा जिस सामग्री का इस्तेमाल भोजन बनाने के लिए होना है उसे साफ सुथरा रखने को कहा गया है। टूटे हुए बर्तन का इस्तेमाल नहीं करना है और रसोई घर को भी साफ सुथरा रखने को कहा गया है।
पश्चिम बंगाल तृणमूल प्राथमिक शिक्षक समिति के अध्यक्ष अशोक रूद्र ने रविवार को कहा कि मिड-डे-मील को लेकर राज्य सरकार की आलोचना करने का कोई लाभ नहीं है क्योंकि केंद्र सरकार ने लंबे समय तक मिड डे मील योजना का फंड रोक रखा था, बावजूद इसके राज्य सरकार ने इसे जारी रखा। अब जबरदस्ती केंद्रीय टीम योजना की समीक्षा करने के लिए आ रही है इससे समस्या कहीं नहीं है लेकिन बिना कुछ फंड दिए सवाल उठाना ठीक नहीं।