कोलकाता : दक्षिण 24 परगना के भांगड़ से तृणमूल कांग्रेस के विवादित नेता आराबुल इस्लाम पर कोलकाता पुलिस भारी पड़ी है। यहां तृणमूल पार्टी दफ्तर पर इंडियन सेकुलर फ्रंट (आईएसएस) कार्यकर्ताओं के कथित हमले के खिलाफ आज बुधवार को वह रैली करने पर तुले हुए थे। यह क्षेत्र कोलकाता पुलिस के अंतर्गत पड़ता है और पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि 26 जनवरी तक किसी भी पार्टी को भीड़ एकत्रित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आराबुल ने मंगलवार को कहा था कि पुलिस अनुमति दे या ना दे, बुधवार को अपराह्न 2:30 बजे हर हाल में विरोध रैली निकलेगी। उन्होंने यह भी दावा किया था कि पार्टी के शीर्ष नेता भी इसमें शामिल होंगे लेकिन बुधवार की सुबह तृणमूल कांग्रेस की ओर से एक बयान जारी कर स्पष्ट कर दिया गया है कि पुलिस की अनुमति नहीं मिलने की वजह से भांगड़ में होने वाली विरोध रैली रद्द कर दी गई है।
यहां हातीशाला इलाके में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और आईएसएफ कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और हाथापाई के बाद पार्टी दफ्तर में आग लगा दी गई थी। इसी के विरोध में आराबुल ने रैली करने की घोषणा की थी और दावा किया था कि तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व ने हीं इसकी योजना बनाई है। लेकिन बुधवार को पार्टी की ओर से जारी बयान में स्पष्ट कर दिया गया है कि पुलिस की अनुमति नहीं है इसलिए कोई विरोध रैली नहीं निकलेगी। इसके बाद आराबुल ने भी सुर बदल लिया है। उन्होंने कहा है कि राज्य नेतृत्व ने भी रैली नहीं करने की हिदायत दी है इसलिए फिलहाल इसे स्थगित रखा जा रहा है।
दरअसल पहले तय किया गया था कि कोलकाता पुलिस के अधीनस्थ क्षेत्र हातीशाला इलाके में रैली होगी लेकिन कोलकाता पुलिस ने साफ मना कर दिया था जिसके बाद पक्कापुल और गाछतला इलाके में रैली की योजना बनाई गई। यह क्षेत्र बारुईपुर जिला पुलिस के अंतर्गत पड़ता है लेकिन जिला पुलिस ने भी अनुमति नहीं दी। इसके बाद आराबुल ने पुलिस पर हमला बोलते हुए कहा था कि प्रशासन के जरिए हमें रोकने की कोशिश हो रही है लेकिन सफलता नहीं मिलेगी। हर हाल में रैली होकर रहेगी। कोई रोक नहीं सकता। अब बुधवार को उनके सुर बदल गए।