कोलकाता : पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री आवास योजना में लगातार हो रही धांधली की शिकायतों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सजग हो गया है। इस बाबत आयोग की ओर से राज्य सरकार को एक पत्र लिखा गया है जिसमें आवास योजना के क्रियान्वयन और वंचित लोगों से संबंधित रिपोर्ट मांगी गई है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है कि पत्र बहुत पहले आया था लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से जवाब नहीं दिया गया है।
आरोप लगे हैं कि आवास योजना में जिन लोगों के नाम हैं, वे अगर सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रति वफादार या कार्यकर्ता नहीं हैं तो उनका नाम आवास योजना की सूची से गैर लाभुकों के रूप में हटाया जा रहा है। दूसरी तरफ जो लोग तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं उनका बहुमंजिला मकान होने के बावजूद उन्हें इस योजना का वित्तीय लाभ मिल रहा है।
अब मानवाधिकार आयोग की ओर से जो पत्र भेजा गया है उसमें दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता संगीता बताया ने कहा कि वह वर्ष 2018 से लगातार इस तरह की शिकायतें राज्य सरकार के पास कर रही हैं लेकिन उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही थी जिसके बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से मदद मांगी थी। उन्होंने अकेले दिल्ली में कम से कम 500 से अधिक शिकायतें दर्ज कराई हैं।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में केंद्र सरकार की एक टीम बंगाल में आवास योजना के क्रियान्वयन का जायजा लेकर गई है। आरोप है कि इस योजना का लाभ केवल तृणमूल कांग्रेस से जुड़े लोगों को दिया जा रहा है वह भी ऐसे लोगों को जिनके पास पहले से मकान हैं।