कोलकाता : उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय ने आदेश जारी किया है कि सिर्फ दो कॉलेजों को छोड़ कर अन्य कॉलेजों के हिंदीभाषी छात्र-छात्राएं स्नातक स्तर की उत्तर पुस्तिकाएं हिंदी भाषा में नहीं लिख सकेंगे जबकि पहले यह सुविधा उन्हें प्राप्त थी। विश्वविद्यालय के इस निर्णय से हजारों हिंदी भाषी छात्र-छात्राओं का रिजल्ट और भविष्य प्रभावित हो सकता है।
आसनसोल के पूर्व मेयर व भाजपा नेता जितेंद्र तिवारी ने विश्वविद्यालय के उक्त आदेश सम्बन्धी पत्र का ज़िक्र करते हुए कहा कि दरअसल इस निर्णय का मूल मकसद राजनीति है। उन्होंने कहा कि चूँकि उत्तर बंगाल में बड़ी संख्या में हिंदीभाषी मतदाता हैं तथा अधिकतर विधायक तथा सांसद बीजेपी के हैं, इससे सत्तापक्ष को लगता है कि अधिकतर हिंदीभाषी बीजेपी समर्थक हैं। उनका बीजेपी के पक्ष में मतदान करना अपराध है तथा इसकी सजा उनके बच्चों का करियर बिगाड़ कर दी जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालय का तर्क है कि उत्तर पुस्तिका जांच करने के लिए शिक्षक उपलब्ध नहीं है लेकिन जबकि शिक्षक उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी होती है।
तिवारी ने कहा कि वे विश्वविद्यालय के इस निर्णय का पुरज़ोर विरोध करते हैं। इस संबंध में वे राज्यपाल सह कुलाधिपति को पत्र लिख कर इस मामले में हस्तक्षेप करने का भी आग्रह करेंगे।