नयी दिल्ली : अमेरिकी रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कारोबारी गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी समूह की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अडानी समूह की ग्यारह में से सात कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट से समूह का कुल बाजार पूंजीकरण 9.11 लाख करोड़ रुपये घटकर अब 10.09 लाख करोड़ रुपये रहा गया है, जो 24 जनवरी को 19.20 लाख करोड़ रुपये था। हालांकि, दो वैश्विक रेटिंग फर्मों ने समूह की कंपनियों की रेटिंग को बरकरार रखा है। कंपनी के फ्रांसीसी साझेदार ने समूह की कंपनियों में अपने निवेश को सही ठहराया।
शेयर बाजार के जानकार के मुताबिक हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह का बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) घटा है। पिछले एक हफ्ते में अडानी समूह का मार्केट कैप 9.11 लाख करोड़ रुपये घटकर अब 10.09 लाख करोड़ रुपये रहा गया है, जो 24 जनवरी तक 19.20 लाख करोड़ रुपये था। अडानी समूह का कुल बाजार पूंजीकरण अब अकेले रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के 15.75 लाख करोड़ और टीसीएस के 12.74 लाख करोड़ रुपये से भी कम हो गया है।
अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच एलआईसी के समूह में निवेश और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के कर्ज पर पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। वित्त मंत्री ने एक दिन पहले कहा कि एसबीआई और एलआईसी का अडानी समूह की कंपनियों में एक्पोसजर स्वीकृत लिमिट के भीतर है। वहीं, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने भी संसद में विपक्षी दलों की अडानी समूह में एलआईसी व बैंक कर्ज की जांच की मांग पर कहा कि भारतीय बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर हालत में है।
उल्लेखनीय है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के बीच 24 जनवरी के बाद पहली बार समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए थे। हालांकि, कारोबार की शुरुआत में कंपनी के शेयर 35 फीसदी तक गिर गए थे। अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड भी आठ फीसदी की तेजी के साथ बंद हुआ।
दरअसल अडानी इंटरप्राइजेज 1.80 लाख करोड़ रुपये के साथ समूह की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी के शेयरों में गिरावट से अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में 21वें पायदान पर आ चुके हैं।