दक्षिण अफ्रीका से भारत पहुंचे 12 चीते, मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री ने कूनो पार्क में छोड़ा

श्योपुर/भोपाल : दक्षिण अफ्रीका से लाए गए 12 चीते शनिवार को ग्वालियर होते हुए कूनो नेशनल पार्क पहुंच गए। उन्हें वायु सेना के विशेष विमान सी-17 ग्लोब मास्टर से ग्वालियर एयरपोर्ट लाया गया और यहां से वायुसेना के तीन चिनूक हेलीकाप्टर से उन्हें कूनो नेशनल पार्क ले जाया गया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा।

चीता परियोजना प्रमुख एसपी यादव ने बताया कि शुक्रवार की रात 8.30 बजे 12 चीतों ने दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग एयरपोर्ट से वायु सेना के सी-17 ग्लोब मास्टर ने उड़ान भरी थी और यह विमान शनिवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे ग्वालियर के राजमाता सिंधिया एयरपोर्ट पहुंचा। इसके बाद यहां से तीन चिनूक हेलीकाप्टर से चीतों को लेकर कूनो नेशनल पार्क लाया गया। यहां पहले मुख्यमंत्री चौहान ने एक चीते को बाड़े में छोड़ा। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी चीता छोड़ा। इसके बाद वन विभाग के अधिकारियों ने भी एक के बाद एक चीतों को बाड़े में छोड़ा। इन 12 चीतों में सात नर और पांच मादा हैं।

चीतों को बाड़े में निर्धारित समय से करीब एक घंटे की देरी से छोड़ा गया। इसके पीछे ग्लोबमास्टर का ग्वालियर एयरबेस पर कुछ देरी से आना था। इसलिए कूनो पहुंचने में भी चीतों को देरी हुई। बताया जा रहा है कि अभी इस बाड़े में 12 चीते क्वारंटीन रहेंगे। इसके बाद उन्हें इससे बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। करीब डेढ़ महीने बाद चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ा जाएगा। अफ्रीका से आए सभी 12 चीतों पर अभी विशेष नजर रखी जाएगी। उनकी हर गतिविधि को नोट किया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 17 सितंबर, 2022 को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। अब दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते आने के बाद कूनो में चीतों की संख्या 20 हो गई है। यानी चीतों का कुनबा बढ़ गया है। सही मायने में अब प्रदेश चीता स्टेट बन गया है।

चीतों को देखने के लिए स्थानीय और बाहरी लोग कूनो नेशनल पार्क के गेट पर एकत्रित हुए लेकिन उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इससे लोग खासे निराश नजर आए। प्रबंधन ने लोगों के प्रवेश पर सुरक्षा कारणों से रोक लगाई है। कुछ दिन बाद कूनो नेशनल पार्क आम सैलानियों के लिए खोला जाएगा। तब सभी चीतों को देख सकेंगे।

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