पीएनबी ने किया ‘मातृभाषा महोत्सव’ का आयोजन

दुर्गापु : पंजाब नैशनल बैंक, अंचल कार्यालय एवं मण्डल कार्यालय, दुर्गापुर द्वारा मंगलवार को उप अंचल प्रबंधक निशिकांत नायक की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर “मातृभाषा महोत्सव” का आयोजन किया गया।

सर्वप्रथम मंडल प्रमुख दुर्गापुर शिवानंद भंज ने 21 फरवरी, अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हिंदी शिक्षण योजना केंद्र, दुर्गापुर के प्राध्यापक विश्वजीत मजूमदार एवं अतिथि वक्ता के रूप में डॉ. ममता बनर्जी उपस्थित रहीं। मजूमदार ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की सभी भाषाओं को समान रूप से प्राधान्य देते हुए राष्ट्रीय हित में हमें हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। स्वाधीनता के आंदोलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रीय एकता की एक कड़ी के रूप में प्रयोग में लाया गया था। महात्मा गांधी जी के आह्वान पर काफी गैर-हिंदीतर भाषी लोगों ने उस समय भी हिंदी सीखी। स्वाधीनता दिलाने में हिंदी का बहुत बड़ा योगदान रहा है, बंगभूमि में भी हिंदी के प्रचार प्रसार में हिंदीभाषी महापुरुषों का उल्लेख करते हुए उन्होंने केशव चंद्र सेन और सुभाष चंद्र बोस के अवदानों का उल्लेख किया।
अतिथि वक्ता डॉ. ममता बनर्जी मंजरी ने “आमी बोलछी विवेकानंद” नामक कविता का सस्वर पाठ किया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि बंगला भाषा बहुत मधुर भाषा है। गुरुदेव रवींद्रनाथ ठाकुर ने नदी के तट पर कई गीतों का सृजन किया है और हमें अधिक से अधिक भाषाएं सीखने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि हर भाषा का अपना एक माधुर्य है। सिलीगुड़ी से ऑनलाइन कार्यक्रम में जुड़े अंचल प्रबंधक प्रबीर कुमार ताह ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें अपनी मातृभाषा की महत्ता को कभी नहीं भूलना चाहिए। 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को सिर्फ एक आयोजन की तरह नहीं देखना चाहिए बल्कि इस दिन बांग्ला भाषा को तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लागू करवाने में जिन लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दी उनका सम्मान करते हुए उनके बलिदान को कभी व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए। आज उनकी वजह से ही बांग्लादेश को बांग्ला भाषा का गौरव मिला। हम जितनी ज्यादा भाषाएं सीख सकते हैं , सीखनी चाहिए हर भाषा में ज्ञान का विपुल कोश है।

इस अवसर पर अंचल अनुपालन अधिकारी मनीश चंद्रा, सहायक महाप्रबंधक रौशन कुमार, मुख्य प्रबंधक दयामय माजी, बेनीमाधव चटर्जी, उमाकांत मिश्रा, अरविंद कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रबंधक राजभाषा आनन्द कुमार मिश्र एवं लक्ष्मी प्रिया साहू ने किया|

कार्यक्रम के दूसरे सत्र में हिंदी शिक्षण योजना, दुर्गापुर केंद्र द्वारा संचालित जनवरी- मई, 2023 सत्र की हिंदी प्रशिक्षण कक्षा के लिए इस कार्यालय से नामित परीक्षार्थियों के मार्गदर्शन के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया।

कार्यक्रम के अंत में मुख्य प्रबंधक, (मानव संसाधन) उमेश कुमार राय ने धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम का समापन किया।

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