इतिहास के पन्नों में 23 फरवरीः पीसी सरकार-जादुई संसार

देश-दुनिया के इतिहास में 23 फरवरी की तारीख तमाम अहम कारणों से दर्ज है। इस तारीख का महत्व दुनिया के महान जादूगर पीसी सरकार ( वास्तविक नाम प्रोतुल चंद सरकार) के जीवन से भी है। वैसे तो भारत में जादू का इतिहास काफी पुराना है। पहले के जादूगर गांव-गांव, शहर-शहर घूमकर अपनी कला दिखाकर पैसा कमाते थे। लेकिन, भारत में पीसी सरकार ने इस कला को गलियों और सड़कों उठाकर भव्य मंच प्रदान किया। उनका जन्म अंग्रेजीराज में 23 फरवरी, 1913 को बंगाल में हुआ था। पीसी सरकार ने शुरुआत में क्लब, थियेटर और सर्कस में अपनी कला दिखानी शुरू की। शोहरत मिलने पर खुद को दुनिया का सबसे महान जादूगर घोषित कर दिया। यह तरकीब काम आई और उन्हें देशभर से जादू के शो के लिए बुलाया जाने लगा।

एक बार वह इंग्लैंड में थे। बीबीसी टीवी पर पैनोरमा नाम का एक करंट अफेयर्स कार्यक्रम आया करता था। इस कार्यक्रम में ब्रिटेन के लोगों ने उनका लाइव शो देखा। इस शो में पीसी सरकार ने एक 17 साल की लड़की को वश में कर उसे मेज पर लिटा दिया। फिर लड़की के शरीर के दो हिस्से कर दिए। इसके बाद सरकार ने लड़की के हाथ मलने शुरू किए। लड़की ने कोई भी प्रतिक्रिया नहीं की। इसके बाद लड़की पर काला कपड़ा डाल दिया गया। कार्यक्रम के बीच में आकर शो के होस्ट ने कहा कि अब कार्यक्रम खत्म होता है। इससे लोग डर गए कि लड़की मर गई। लोगों ने बीबीसी के स्टूडियो में फोन किया। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था। शो को अचानक खत्म करने को लेकर जो स्पष्टीकरण दिया गया, उसमें कहा गया कि समय-सीमा पार करने की वजह से उनके शो को बीच में बंद करना पड़ा। इस शो के बाद पीसी सरकार काफी चर्चा में आए। इस शो को उनके जीवन का टर्निंग प्वाइंट कहा जाता है। वह विदेश में लगातार शो करने लगे। एक वक्त ऐसा आया कि डॉक्टरों ने उन्हें सफर न करने की सलाह दी। लेकिन, सरकार ने उनकी बात न मानी और जापान चले गए। 06 जनवरी, 1970 को सरकार ने जापान में अपना मशहूर इंद्रजाल का शो किया। जैसे ही बाहर निकले उन्हें दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई। इस तरह दुनिया में अपने जादू का डंका बजाने वाले पीसी सरकार दुनिया को अलविदा कहकर चले गए।

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