कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ बयानबाजी की वजह से कांग्रेस नेता और अधिवक्ता कौस्तव बागची की कोलकाता पुलिस के हाथों गिरफ्तारी की निंदा अब सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने की है। हालांकि उन्होंने कहा है कि वह पार्टी की ओर से नहीं बल्कि व्यक्तिगत तौर पर बयान दे रहे हैं।
इसके पहले भाजपा नेता सजल घोष के घर पहुंची कोलकाता पुलिस की टीम ने उनके घर का दरवाजा तोड़ कर उन्हें गिरफ्तार किया था, जिसकी वजह से काफी किरकिरी हुई थी। उसी घटना का जिक्र कर कुणाल घोष ने कहा है कि पुलिस सबक नहीं सीखती। अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट में शनिवार को कुणाल घोष ने लिखा है, “कौस्तव ने मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) के खिलाफ जिस तरह की आपत्तिजनक टिप्पणी की है वह बर्दाश्त करने लायक नहीं है लेकिन इसका राजनीतिक मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की छात्र और युवा इकाई कर सकती थी। पुलिस ने जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। यह ठीक नहीं है। इससे कौस्तुव को प्रचार मिलेगा।”
उन्होंने लिखा है कि विरोधी दल हमेशा ऐसे ही मौके की ताक में रहते हैं। इससे लोगों की भी सहानुभूति हासिल होती है। गिरफ्तारी का राजनीतिक इस्तेमाल होगा। उन्होंने कहा कि जिस दिन पुलिस ने सजल घोष के घर का दरवाजा तोड़ा था उस दिन भी मैंने विरोध किया था। बाद में पता चला कि मेरा विरोध जायज था। उसका लाभ सजल को मिला और भाजपा ने एक वार्ड जीत लिया था। उस दिन पुलिस का अभियान गलत था और आज भी गलत है।