-पोस्ट बजट वेबिनार को किया संबोधित, महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज कल्पना का महत्व समझाया
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’’ का उद्देश्य कारीगरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों की मदद करना है। शहरों में विभिन्न तरह के कारीगर हैं। वह अपने कौशल से औजार का उपयोग कर अपना जीवनयापन करते हैं। पीएम विश्वकर्मा का फोकस ऐसे बिखरे हुए समुदाय की तरफ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज कल्पना को देखें तो गांव के जीवन में खेती-किसानी के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने यह उद्गार आज (शनिवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ (पीएम विकास) पर पोस्ट-बजट वेबिनार में व्यक्त किए। यह संबोधन 12 पोस्ट-बजट वेबिनार शृंखला का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह वेबिनार देश के करोड़ों लोगों के हुनर और उनके कौशल को समर्पित है। हम कौशल जैसे क्षेत्रों में जितने अव्वल होंगे, उतनी ही ज्यादा सफलता मिलेगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस पर कई सुझाव भी आए हैं कि इस बजट को कैसे सार्थक बनाया जाए, इस पर चर्चा की है। बजट पर जो चर्चा संसद में होती है और जो चर्चा सांसद करते हैं। वैसे ही गहन विचार जनता की ओर से हमें मिले हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार जो बजट आया है, उसे हम किस तरह जल्द से जल्द लागू करें और स्टेकहोल्डर्स के साथ किस प्रकार से इसे काम में लाया जाए, इस पर खूब चर्चा हुई है।
उल्लेखनीय है कि वेबिनार की इस शृंखला का मकसद केंद्रीय बजट (2023-24) में की गई घोषणाओं पर विचारों और सुझावों को एकत्र करना है, ताकि उन सभी घोषणाओं पर सही दिशा में काम किया जा सके।
‘पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों को डोमेस्टिक और ग्लोबल वैल्यू चेन से जोड़ना है। ऐसा करके सरकार उनके प्रोडक्ट्स-सर्विसेस की क्वालिटी, स्केल और रीच में सुधार करना चाहती है।