कोलकाता : वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मंगलवार को नंदीग्राम दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। हाईकोर्ट के आदेशानुसार सुबह 8:00 उन्होंने नंदीग्राम के गोकुलनगर में रैली शुरू कर दी थी और इसके समापन पर संबोधन भी किया। इस दौरान नंदीग्राम आंदोलन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस आंदोलन को तृणमूल कांग्रेस हाइजैक करने की कोशिश करती रही है लेकिन हकीकत यह है कि नंदीग्राम का आंदोलन किसी पार्टी या व्यक्ति का नहीं बल्कि आम लोगों का था। स्थानीय लोगों ने मिल कर बड़ा आंदोलन किया था, इससे ममता बनर्जी या किसी का कोई लेना-देना नहीं था। इसके बाद शुभेंदु ने कहा कि हमने इस इलाके से सीपीएम को साफ किया है और अब बुआ- भतीजा ( ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी) को भी साफ करेंगे। अगले साल भतीजा (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी) जेल में रहेंगे।
तृणमूल छोड़ कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बारे में खुलकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि हर किसी के पास यह अधिकार है कि वह अपना राजनीतिक दल बदल सके। तृणमूल कांग्रेस ने मुझे जितनी भी जिम्मेदारियां दी थी वह खुशी से नहीं बल्कि मजबूरी में देनी पड़ी। वे लोग मुझसे बहुत जलते थे लेकिन मैंने सभी जिम्मेदारियां छोड़कर 19 दिसंबर, 2020 को भाजपा का दामन थामा था। नंदीग्राम आंदोलन से लेकर आज तक ऐसा कोई साल नहीं है जब मैं शहीद स्थल पर नहीं आया और शहीदों के परिवारों से नहीं मिला। तृणमूल में तो कोई था ही नहीं उस आंदोलन से जुड़ा हुआ। अब वे बाहर से लोग लाकर इस दिवस को भी हाइजैक करना चाहते हैं लेकिन लोग उन्हें जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी और उनकी पुलिस मुझे रोकने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। बंगाल में लोकतंत्र किस तरह खतरे में है इसकी बानगी है कि मुझे हाईकोर्ट के आदेश पर केंद्रीय बलों की सुरक्षा में शहीदों को श्रद्धांजलि देनी पड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि 16 साल पहले 14 मार्च, 2007 को नंदीग्राम में पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं की फायरिंग में 14 ग्रामीणों की जान चली गई थी। उसके बाद से हर साल 14 मार्च को शहीद दिवस मना कर गोलीकांड के शिकार हुए लोगों को श्रद्धापूर्वक याद किया जाता है। पुलिस ने यहां शुभेंदु अधिकारी की जनसभा को अनुमति नहीं दी थी लेकिन हाई कोर्ट ने उन्हें सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे तक सभा की अनुमति दी।