एशिया का नोबेल पुरस्कार कहा जाने वाला रेमन मैग्सेसे पुरस्कार, फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की स्मृति में दिया जाता है। पूर्व राष्ट्रपति अपने समर्थकों के बीच कम्युनिस्टों की अगुवाई वाले हुकबलाहप (हुक) आंदोलन से सफलतापूर्वक जूझने के लिए जाने जाते हैं।
फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रेमन मैग्सेसे की 17 मार्च 1957 में एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। न्यूयॉर्क स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड के ट्रस्टियों की तरफ से 1957 से ही रेमन मैग्सेसे पुरस्कार दिये जाने की परंपरा शुरू हुई। फिलीपींस की राजधानी मनीला में चयनित लोगों को हर साल यह पुरस्कार दिया जाता है। जिसके तहत अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा कार्यों के लिए एशिया के व्यक्तियों और संस्थाओं को यह पुरस्कार दिया जाता है।
अभी तक 50 से ज्यादा भारतीयों को यह पुरस्कार हासिल हो चुका है जिसमें सबसे पहले भूदान आंदोलन के नेता विनोबा भावे को यह पुरस्कार मिला। उसके बाद जयप्रकाश नारायण, वर्गीज कुरियन, सत्यजीत रे, अरुण शौरी जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं, जिन्हें यह पुरस्कार मिला।