कोलकाता : आने वाले दिनों में अगर हो सका तो तृणमूल कार्यकर्ताओं को दोबारा नौकरी देंगे। कमरहाटी के तृणमूल विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री मदन मित्रा ने भर्ती भ्रष्टाचार के संदर्भ में सोशल मीडिया पर यह विवादित टिप्पणी की है। मदन मित्रा के इस बयान को लेकर पश्चिम बंगाल की राजनीति में हलचल मच गया है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर माकपा की केंद्रीय कमेटी के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि मदन मित्रा की बातों का जवाब देने की जरूरत नहीं है। मदन मित्रा ने जो कहा हलफनामा देकर तृणमूल को इसकी घोषणा कर देनी चाहिए। राज्य के शिक्षा मंत्री ने तो एक कदम बढ़ कर बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह अपने कोटे में जिसे चाहे नौकरी दे सकते हैं। यानी जो तृणमूल के लिए रैलियों और जनसभाओं में शामिल हो रहे हैं उन्हें नौकरी मिलेगी।
वहीं में भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने कहा कि सुजन चक्रवर्ती अपनी पार्टी को कैसे प्रासंगिक बनाएंगे यह उन पर निर्भर है। लोगों ने 34 साल से सीपीएम को देखा है। उनका शोषण भी देखा है। माकपा से बचाव के लिए तृणमूल को लाया गया, लेकिन राज्य के हालात दिन पर दिन और खराब होते चले गए। मदन मित्रा जो कहते है वह ठीक है। नियम क्या हैं? तृणमूल के नियम और संस्कृति के मुताबिक वे अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से आठ-दस लाख लेकर नौकरी देते हैं। तृणमूल कांग्रेस के राज में योग्य लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है।