कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपित नीलाद्री दास ने चौकाने वाली जानकारी दी है। उसने कहा कि नियुक्ति के लिये रेट-चार्ट बनाया गया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षक के पद के लिये 10 लाख रुपये तय किये गए थे।
सीबीआई सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि नीलाद्री सहित अन्य लोगों ने नौकरी के लिए रेट-चार्ट बनाया था, जिसमें प्राथमिक शिक्षक के लिए 10 लाख रुपये निर्धारित किये गए थे। सीबीआई को पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि 2019 की शुरुआत में ही इस रेट-चार्ट के बारे में राज्य सीआईडी को जानकारी मिल गई थी। सीआईडी ने नीलाद्री और उसके नौ सहयोगियों को गिरफ्तार भी किया था।
उल्लेखनीय है कि नीलाद्री एनवाईएस नाम की कंपनी का उपाध्यक्ष है, जिसे ओएमआर शीट तैयार करने और जांच करने की जिम्मेवारी मिलती थी। वह न केवल शिक्षक नियुक्ति, बल्कि पुलिस और नगर पालिकाओं में भी नियुक्ति को लेकर गिरोह चला रहा था। जिलाधिकारी कार्यालय से लेकर परिवहन विभाग में नियुक्ति तक के लिए उसने रेट चार्ट बना रखा था।
सूत्रों ने बताया कि सरकार में मौजूद शीर्ष लोगों से नीलाद्री के घनिष्ठ संबंध थे, जिनके साथ साठ-गांठ कर नौकरियां बेची जाती थीं। इस संबंध में राज्य सीआईडी से एक रिपोर्ट ली जा रही है, जिससे आगे की जानकारी को एकत्र किया जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि प्राथमिक शिक्षक के लिए 10 लाख रुपये तय किए गए थे, जबकि राज्य पुलिस में नौकरी के लिए आठ लाख रुपये लिये जा रहे थे।
इसके अलावा भारतीय सेना में नौकरी के नाम पर 13 लाख रुपये और नगर पालिकाओं में क्लर्क की नौकरी के लिए डेढ़ लाख रुपये लिए जाते थे। खाद्य विभाग में फूड सब इंस्पेक्टर के पद पर नौकरी के लिए 11 लाख रुपये निर्धारित थे, जबकि जिलाधिकारी के दफ्तर में नौकरी के लिए सात लाख रुपये देने होते थे। फिलहाल सीबीआई इस संबंध में सीआईडी से रिपोर्ट लेने की तैयारी में है।