इतिहास के पन्नों में 08 अप्रैल: घबराये अंग्रेजों ने मंगल पाण्डेय को 10 दिन पहले ही चढ़ा दिया फांसी पर

देश-दुनिया के इतिहास में 08 अप्रैल का इतिहास तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत में अंग्रेजों के खिलाफ भड़की विद्रोह की चिंगारी के ज्वाला बनने की गवाह है। आजादी की पहली लड़ाई 1857 में मंगल पाण्डेय के विद्रोह के साथ शुरू हुई थी। फौजी मंगल पाण्डेय ने गाय व सूअर की चर्बी लगे कारतूस लेने से मंगल मना कर दिया था। इस पर हथियार छीन लेने व वर्दी उतार लेने का फौजी हुक्म हुआ। मंगल पाण्डेय ने उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया।

जब 29 मार्च, 1857 को उनकी राइफल छीनने के लिए अंग्रेज अफसर मेजर ह्यूसन आगे बढ़ा तो मंगल पाण्डेय ने उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद विद्रोही मंगल पाण्डेय को अंग्रेज सिपाहियों ने पकड़ लिया। उनका कोर्ट मार्शल हुआ। उन्हें मौत की सजा सुनाई गई। कोर्ट मार्शल के अनुसार उन्हें 18 अप्रैल, 1857 को फांसी दी जानी थी। इस निर्णय की प्रतिक्रिया कहीं विकराल रूप न ले ले, इस आशंका से घबराई ब्रिटिश सरकार ने मंगल पाण्डेय को निर्धारित तारीख से दस दिन पहले 08 अप्रैल, 1857 को फांसी पर लटका दिया था। स्वतंत्रता आंदोलन के इस महानायक का जन्म 19 जुलाई, 1827 को बलिया जिले में हुआ था।

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