कोलकाता : कुलपतियों की नियुक्ति के लिए राज्य कानून में बड़ा बदलाव ला रहा है। कुलपति की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी में 3 प्रतिनिधि नहीं, बल्कि 5 सदस्यीय होंगे। पुराने नियम को पलटते हुए विश्वविद्यालय के स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए गठित सर्च कमेटी में यूजीसी के मनोनीत प्रतिनिधि को रखा जा रहा है।
सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक राज्य कैबिनेट की बैठक पहला बैसाख के बाद होगी। उस बैठक में कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी अधिनियम को सर्च कमेटी में बदलने का प्रस्ताव रखा जाएगा। अध्यादेश के रूप में अपनाए जाने वाले प्रस्ताव के लिए राज्य मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी जाएगी। मंजूरी मिलने के बाद अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। अगर वह अध्यादेश लागू होता है तो राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति के कानून में बड़ा बदलाव होगा।
सचिवालय के सूत्रों के मुताबिक प्रस्तावित स्वरूप में गठित पांच सदस्यीय सर्च कमेटी में यूजीसी का एक मनोनीत प्रतिनिधि, राज्यपाल का एक मनोनीत प्रतिनिधि, विश्वविद्यालय न्यायालय का एक मनोनीत प्रतिनिधि, उच्च शिक्षा परिषद एक मनोनीत प्रतिनिधि और राज्य का एक मनोनीत प्रतिनिधि होगा। इन पांच सदस्यों के प्रतिनिधियों के साथ विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपतियों की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी का गठन किया जाएगा। कानून विभाग इस कानून में संशोधन के मसौदे को पहले ही मंजूरी दे चुका है। फिलहाल वित्त विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा गया है। इसे 17 अप्रैल को राज्य कैबिनेट की बैठक में तभी पेश किया जा सकता है, जब वित्त विभाग इसे मंजूरी दे।
हाल ही में कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से त्याग पत्र लेकर कुलपतियों को अंतरिम कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। सूत्रों के मुताबिक कुलपतियों के साथ-साथ राज्यपाल भी चाहते हैं कि राज्य के हर विश्वविद्यालय में स्थायी कुलपति की नियुक्ति जल्द हो।