भ्रष्टाचार के आरोप साबित करे सत्तापक्ष, तो छोड़ दूंगा राजनीति : शुभेंदु अधिकारी

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भर्ती भ्रष्टाचार को लेकर तृणमूल सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर लगातार निशाना साधते रहे हैं। इसके जवाब में ममता ने भी शुभेंदु पर उंगली उठाई। पिछले सोमवार को उन्होंने खजूरी की एक प्रशासनिक बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। सोमवार को नंदीग्राम के विधायक ने जवाबी सभा से ममता को खुली चुनौती दी। उन्होंने कहा कि अगर तृणमूल नौकरी से संबंधित भ्रष्टाचार में उनकी संलिप्तता साबित कर दे तो वह राजनीति छोड़ देंगे, मुख्यमंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगेंगे।

मुख्यमंत्री का बिना नाम लिए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि “उन्होंने इस जिले (पूर्व मेदिनीपुर), पुरुलिया आदि जिलों में भर्ती भ्रष्टाचार को लेकर बड़ी-बड़ी बातें की। उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री आरोपों को साबित करके दिखाएं। मैं नेता प्रतिपक्ष बोल रहा हूं, राजनीति छोड़ दूंगा। मैं आपके घर के सामने हाजरा मोड़ पर खड़े होकर माफी मांगूंगा, लेकिन आप ऐसा कर नहीं पाएंगी।’’

उल्लेखनीय है कि राज्य में शिक्षकों की भर्ती में भ्रष्टाचार की जांच के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने पुरुलिया में नौकरी कोटा को लेकर हुए घोटाले की बात कही थी। कुछ दिन पहले मालदा में प्रशासनिक बैठक से ममता ने कहा था कि पुरुलिया के युवाओं की नौकरी का कोटा ”किसी” ने हड़प लिया है। ममता ने यह भी कहा कि कुछ डकैतों और गद्दारों ने मेरी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने ही ऐसा किया है। इसके बाद ममता बनर्जी ने पूर्व मेदिनीपुर की प्रशासनिक बैठक में भी यही बात कही। माना जा रहा था कि ”किसी” से ममता राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का जिक्र कर रही थीं।

शुभेंदु ने खेजूरी में उस स्थान पर एक सप्ताह के बाद ”तीन गुना अधिक” लोगों के साथ बैठक की, जहां मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक बैठक की थी। शुभेंदु ने नंदीग्राम ही नहीं, बल्कि पास की विधानसभा खेजुरी में भी उनका प्रभाव सत्तारूढ़ पार्टी से ज्यादा होने का दावा करते हुए कहा कि आज की बैठक 25 हजार वर्गफीट की सभा है। उनकी (ममता) 16 हजार थी। उनकी बैठक में वोटर नहीं थे, लेकिन मेरी बैठक में 99 फीसदी वोटर हैं।

शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि स्थानीय लोगों पर दबाव बनाकर या फिर खाने का प्रलोभन देकर सत्ता पक्ष उनकी जनसभा में लोगों को लाते हैं। उन्होंने आगे कहा यहां खाने का पैकेट देना तो दूर, मैं एक बोतल पानी भी नहीं दे सका। पानी के पाउच हैं। इनकी कीमत 40 पैसे है। इसके बाद शुभेंदु ने हाथ जोड़कर भीड़ का अभिवादन किया और कहा कि इसके बावजूद आप सब यहां आये।

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