कोलकाता : महंगाई भत्ते को लेकर लंबे समय से चल रहे सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने सोमवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम और न्यायाधीश हिरणमय भट्टाचार्य के खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य सरकार को अगले दस दिनों के भीतर आंदोलनरत सरकारी कर्मचारियों के प्रतिनिधियों संग इस मामले में बैठक करनी होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक कमेटी गठित करनी होगी। साथ ही आंदोलनरत सरकारी कर्मचारियों की ओर से पांच लोगों की एक टीम गठित होगी जो इस बैठक में शामिल होगी।
इसके साथ ही आंदोलनरत सरकारी कर्मचारियों को भी स्पष्ट निर्देश देते हुए कोर्ट ने कहा है कि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए कार्य विराम बिल्कुल नहीं होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि महंगाई भत्ता देने की मांग पर गत छह अप्रैल को 12 घंटे का कार्यविराम किया था। इसके पहले भी हाईकोर्ट ने आज यानी 17 अप्रैल तक ही इस मामले में बैठक कर लेने को कहा था लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं किया गया। इस मामले में आज फिर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि 10 दिनों से अधिक देरी नहीं होनी चाहिए।
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय पैमाने के मुताबिक 39 फ़ीसदी डीए देने की मांग सरकारी कर्मचारी कर रहे हैं जबकि ममता सरकार केवल 6 फ़ीसदी डीए देने को तैयार है।