कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक को भेजा गया अपना नोटिस वापस ले लिया है। एक दिन पहले ही दोपहर 1:45 बजे के करीब ईमेल के जरिए सीबीआई ने उन्हें नोटिस भेजकर मंगलवार को सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय एजेंसी के दफ्तर में हाजिर होने को कहा था। हालांकि उसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक से पूछताछ पर रोक लगा दी थी। बहरहाल सीबीआई के नोटिस पर 16 अप्रैल की तारीख थी।
सोमवार की शाम अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट कर इस नोटिस की प्रति सोशल मीडिया पर डाली थी और कहा था कि केंद्रीय एजेंसी के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला वह सुप्रीम कोर्ट में ही दायर करेंगे। इसके बाद आज मंगलवार को एजेंसी की ओर से एक और पत्र अभिषेक को भेजा गया है। इसमें स्पष्ट कर दिया गया है कि एक दिन पहले भेजा गया नोटिस वापस लिया जा रहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने पूछताछ पर रोक लगाई है।
उल्लेखनीय है कि नियुक्ति भ्रष्टाचार के सिलसिले में गिरफ्तार तृणमूल नेता कुंतल घोष ने केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाया था कि वे मामले में अभिषेक बनर्जी का नाम लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। इसी सिलसिले में केंद्रीय एजेंसियों की ओर से कोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि कुंतल घोष पर इस मामले में किसी तरह का कोई दबाव बनाया गया है या नहीं, यह जानने के लिए केंद्रीय एजेंसियां चाहें तो अभिषेक बनर्जी से पूछताछ कर सकती हैं। उसी सिलसिले में उन्हें नोटिस भेजा गया था लेकिन उसके पहले अभिषेक ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने नोटिस पर रोक लगा दी थी।