– दूतावास के हस्तक्षेप से दर्ज हुआ केस
कोलकाता : आसनसोल स्थित काजी नजरुल विश्वविद्यालय में एक बांग्लादेशी छात्रा की हत्या की कोशिश के गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़िता ने बुधवार को कोलकाता स्थित बांग्लादेशी दूतावास में आकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दूतावास के हस्तक्षेप के बाद यह प्राथमिकी दर्ज की।
पीड़िता ने बताया है कि उसने दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग, कोलकाता में मौजूद उप उच्चायोग, विश्वविद्यालय के कुलपति, रजिस्ट्रार, डीन सहित विभागीय प्रधान और पुलिस प्रमुखों को लिखित में आवेदन दिया है। उसने बताया कि पिछले 15 दिनों से वह अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही है। उसने कई बार आसनसोल महिला थाने को और संबंधित प्रोफेसरों को भी इस बारे में जानकारी दी है लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
विश्वविद्यालय के बांग्ला विभाग के शिक्षक एजाजुल अली खान पर आरोप लगाते हुए पीड़िता ने बताया है कि बुधवार की सुबह के समय वह खाना खरीदने के लिए बाजार जा रही थी तभी एक बाइक पर सवार दो लोग आए और उसे टक्कर मार दी। उसका मोबाइल छीन कर उसमें मौजूद सारे कॉल रिकॉर्ड, एसएमएस और फोटो वीडियो डिलीट करने की कोशिश की। वह सड़क पर गिर गई और उसके शोर मचाने पर आसपास के लोग एकत्रित हो गए। लोगों को एकत्र होते देखकर हमलावर फरार हो गए।
इस बारे में काजी नजरुल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. साधन चक्रवर्ती ने बताया कि पीड़ित लड़की का पूरा परिवार बांग्लादेश में रहता है। वह आसनसोल की त्रिवेणी देवी भालोटिया कॉलेज की पूर्व छात्रा रही है और परीक्षा में अच्छे परिणाम के बाद काजी नजरुल विश्वविद्यालय में दाखिल हुई थी। यहीं बांग्ला के अध्यापक के साथ उसका प्रेम प्रसंग शुरू हो गया था। बाद में पता चला कि उस शिक्षक का किसी और से भी संबंध था जिसके बाद दोनों के बीच अनबन होने लगी। घटना की जांच पहले से ही चल रही थी। पीड़िता ने इससे पहले गत छह-सात अप्रैल को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद से आईसीसी के नियमानुसार जांच चल रही थी। उसी बीच यह घटना हुई है। बांग्लादेश दूतावास ने भी हमसे संपर्क साधा है। हम लोग इसमें हर तरह का बचावमूलक कदम उठा रहे हैं।
कोलकाता स्थित बांग्लादेश के उप उच्चायुक्त अंदालिब इलियास ने बताया कि पीड़िता की सुरक्षा के लिए हमने हर तरह की व्यवस्था की है। हमारे काउंसिल रियाजुल इस्लाम हर एक संबंधित पक्ष से संपर्क में हैं। आरोप है कि अभियुक्त अध्यापक प्रभावशाली लोगों के संपर्क में हैं, जिसकी वजह से उनके खिलाफ कार्रवाई से पुलिस बचती रही है।