महान सेनापतियों में शामिल फ्रांस के सम्राट नोपोलियन बोनापार्ट का 05 मई 1821 में निधन हो गया। दुनिया में कभी जिसके शौर्य का डंका बजता था, उसके जीवन के आखिरी कुछ वर्ष बेहद तन्हाई में गुजरे और आखिरकार दुखद मौत मिली।
दरअसल, नेपोलियन ने यूरोप के अधिकतर हिस्से को अपने अधिकार में ले लिया। लेकिन 1812 में जब फ्रांस ने रूस पर जब हमला किया तो तेजी से नेपोलियन के पतन का सिलसिला शुरू हो गया। 1815 में वाटरलू युद्ध में नेपोलियन की हार हुई। अंग्रेजों ने नेपोलियन को बंदी बनाकर अटलांटिक महासागर में सेंट हेलेना के दूरस्थ द्वीप पर कैद कर दिया। छह साल बाद यहीं नेपोलियन की मृत्यु हो गई। आशंका है कि अंग्रेजों ने नेपोलियन को आर्सेनिक देकर मार डाला गया।
15 अगस्त 1769 में फ्रांस के अजाचियो शहर में पैदा होने वाले नेपोलियन पेरिस के फौजी स्कूल से निकल कर सेना में भर्ती हुए और वहां असीम साहस का परिचय देते हुए सेनापति बने। फ्रांसिसी क्रांति के दौरान उभरे नेपोलियन ने फ्रांस में एक नई विधि संहिता लागू की जिसे नेपोलियन संहिता कहा जाता है। 1804 में नेपोलियन ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित कर दिया। नेपोलियन ने 60 युद्धों में हिस्सा लिया जिसमें केवल सात में उसकी पराजय हुई। इसी वजह से नेपोलियन के युद्धों और अभियानों का अध्ययन पूरी दुनिया की सेना में किया जाता है।